Edited By: लोकेंद्र सिंह शेखावत
25 फ़रवरी 2025 19:26 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
2 मार्च तक बंद रहेंगी प्रदेश की 247 मंडियां, तेल-दाल मिलें और मसाला उद्योग, व्यापारियों का विरोध तेज
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की आमसभा में बड़ा फैसला, 1 मार्च को होगी आंदोलन की अगली रणनीति तय
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की साधारण आमसभा संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता की अध्यक्षता में राजधानी मंडी परिसर में आयोजित हुई। इसमें प्रदेशभर की 247 मंडियों, तेल मिलों, दाल मिलों, आटा मिलों और मसाला उद्योगों के व्यापारी शामिल हुए। व्यापारियों ने अपनी तीन मुख्य मांगों पर सरकार की अनदेखी को लेकर भारी रोष प्रकट किया और एकमत से बंद को 2 मार्च तक बढ़ाने का निर्णय लिया।

व्यापारियों की प्रमुख मांगें:
1. कृषक कल्याण फीस समाप्त हो।
2. बाहर से आयात होने वाली कृषि जिंसों पर मंडी टैक्स और कृषक कल्याण फीस समाप्त हो।
3. मोटे अनाज (श्रीअन्न) पर आढ़त 2.25% लागू की जाए।
इसके अलावा कई अन्य मांगे भी व्यापारियों ने उठाई, जिनमें मंडी सेस को 1% करने, जीरा और ईसबगोल पर मंडी सेस यथावत रखने, धनिया पर मंडी सेस को जीरे की तरह प्रभावी करने, मंडी व्यापार संघों को लैब लगाने की स्वीकृति देने, पुरानी मिलों को 50% छूट देने और विभिन्न मंडियों में सुविधाएं बढ़ाने की मांगें शामिल रहीं।
धरना-प्रदर्शन से सरकार पर दबाव बनाएंगे व्यापारी
आमसभा में यह तय किया गया कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तब तक व्यापारियों का यह विरोध जारी रहेगा। सभी मंडियों और मिलों को निर्देश दिए गए हैं कि बंद के दौरान धरना-प्रदर्शन आयोजित करें ताकि सरकार उनकी मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय ले।

1 मार्च को होगी अगली बैठक, आगे की रणनीति होगी तय
व्यापार संघ ने ऐलान किया है कि अगली साधारण आमसभा 1 मार्च, शनिवार को होगी, जिसमें आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी। यदि सरकार तब तक व्यापारियों की मांगें नहीं मानती, तो बंद को और आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन में अलवर, बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, उदयपुर, नागौर, जयपुर, दौसा, टोंक, भरतपुर, बूंदी, चित्तौड़गढ़ सहित कई जिलों के व्यापारी और उद्योगपति शामिल हो रहे हैं।
व्यापारियों ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती है, तो प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिससे अनाज, मसाले, तेल और आटे की आपूर्ति बाधित हो सकती है।