सुप्रीम कोर्ट की यूपी सरकार को फटकार: अवैध बुलडोजर कार्रवाई पर 10-10 लाख का हर्जाना देने का आदेश
Reported by : अवधेश बामल
Edited By : गौरव कोचर
अप्रैल 01, 2025 15 :32 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए मंगलवार को यूपी सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने 2021 में प्रयागराज में वकील, प्रोफेसर और तीन महिलाओं के घरों को अवैध रूप से ध्वस्त करने को असंवैधानिक करार दिया। अदालत ने कहा कि यह नागरिक अधिकारों का गंभीर हनन है और ‘राइट टू शेल्टर’ का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त फैसला
- सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को पांच पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
- अदालत ने कहा कि बिना समुचित प्रक्रिया के घरों को ध्वस्त किया गया, जिससे यह कार्रवाई अवैध और अमानवीय साबित होती है।
- जस्टिस उज्जल भुइयां ने यूपी के अंबेडकर नगर में 24 मार्च की घटना का हवाला देते हुए कहा कि “एक बच्ची अपनी किताबें लेकर भाग रही थी, जबकि उसके घर पर बुलडोजर चल रहा था, यह बेहद दुखद और चौंकाने वाली तस्वीर है।”
नोटिस की अनदेखी और मनमानी कार्रवाई
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्हें विध्वंस से पहले कोई समुचित नोटिस नहीं दिया गया था।
- 1 मार्च 2021 को नोटिस जारी हुआ, लेकिन 6 मार्च को मिला।
- 7 मार्च को मात्र 24 घंटे के भीतर घरों पर बुलडोजर चला दिया गया।
- याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
राज्य सरकार का बचाव और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए दावा किया कि पर्याप्त प्रक्रिया का पालन किया गया था। उन्होंने बड़े पैमाने पर अवैध कब्जों का हवाला देते हुए सरकार की मजबूरी बताई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैरकानूनी करार देते हुए सरकार की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा कर दिया।
क्या है आगे की राह?
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद यूपी सरकार को अब पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा। यह फैसला बुलडोजर एक्शन पर सरकार की मनमानी को रोकने के लिए एक नजीर बन सकता है।