Reported By: धनंजय त्यागी
Edited By: नरेश गुनानी
मार्च 08, 2025 21:50 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
सीतापुर में दिनदहाड़े पत्रकार की गोली मारकर हत्या, योगी सरकार पर उठे सवाल
– हाईवे पर अज्ञात हमलावरों ने बरसाईं गोलियां, पुलिस जांच में जुटी
– नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने की पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाने की मांग
– परिवार में मचा कोहराम, पत्रकार संगठनों में आक्रोश
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घटना का विवरण
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में दिनदहाड़े एक पत्रकार की हत्या कर दी गई। यह सनसनीखेज वारदात इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के हेमपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास ओवर ब्रिज पर हुई, जहां अज्ञात हमलावरों ने एक प्रमुख हिंदी समाचार पत्र के तहसील संवाददाता राघवेंद्र बाजपेई को गोलियों से भून डाला।
घटना दोपहर करीब 3:15 बजे की बताई जा रही है। मृतक पत्रकार के परिजनों का कहना है कि उन्हें तहसीलदार ने बुलाया था, जिसके बाद वह बाइक से सीतापुर के लिए निकले थे। लेकिन रास्ते में उनकी निर्मम हत्या कर दी गई।
हत्या की जांच में जुटी पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस के मुताबिक, राघवेंद्र बाजपेई को तीन गोलियां लगी थीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। एएसपी (साउथ) प्रवीण रंजन सिंह ने कहा कि हत्या के तरीके को देखकर लगता है कि इसमें शार्प शूटर शामिल थे। फिलहाल, चार टीमें जांच में जुटी हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
परिवार और पत्रकारों में रोष
राघवेंद्र बाजपेई के परिवार में उनकी पत्नी, दो छोटे बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता हैं। भाई की पहले ही रेल हादसे में मौत हो चुकी थी, जिसके बाद घर की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर थी। हत्या की खबर मिलते ही परिवार सदमे में आ गया। उनकी मां और पत्नी अस्पताल में बेसुध हो गईं।
पत्रकारों में भी इस हत्या को लेकर भारी रोष है। पत्रकार संगठनों ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताते हुए हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।
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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
1. चंद्रशेखर आजाद (नगीना सांसद, भीम आर्मी प्रमुख)
नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक्स (Twitter) पर लिखा—
“उत्तर प्रदेश में जंगलराज – अब पत्रकार भी असुरक्षित! जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर दिनदहाड़े गोलियां बरसाई जा रही हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जाए? हमारी मांग है कि –
1️⃣ दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कठोरतम सजा दी जाए।
2️⃣ पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाया जाए।”
2. यूपी कांग्रेस
यूपी कांग्रेस ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया—
“सीतापुर में बदमाशों ने पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी। प्रदेश में कायम ‘जंगलराज’ हर रोज किसी न किसी की जान लेता है और सत्ताधीश को कोई फर्क नहीं पड़ता!”
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हत्या के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
फिलहाल, पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की किसी से कोई निजी दुश्मनी सामने नहीं आई है। लेकिन पुलिस कुछ अहम एंगल्स पर जांच कर रही है—
1️⃣ जमीन विवाद – उन्होंने हाल ही में भूमि विवाद से जुड़ी खबरें प्रकाशित की थीं, जिसके कारण कई प्रभावशाली लोगों से उनका टकराव हुआ था।
2️⃣ धान खरीद घोटाले का पर्दाफाश – उन्होंने धान खरीद में अनियमितताओं पर रिपोर्टिंग की थी, जिससे माफियाओं में नाराजगी थी।
3️⃣ व्यक्तिगत रंजिश – पुलिस यह भी जांच कर रही है कि किसी पुरानी रंजिश में तो हत्या नहीं की गई।
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क्या बोले पुलिस अधिकारी?
सीतापुर के एएसपी प्रवीण रंजन सिंह ने बताया—
“हमें सूचना मिली कि नेशनल हाईवे पर एक पत्रकार की हत्या कर दी गई है। चार टीमें जांच में लगी हुई हैं। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी जा रही है। जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।”
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पत्रकारों की सुरक्षा पर फिर उठा सवाल
राघवेंद्र बाजपेई की हत्या से उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। हाल के वर्षों में राज्य में कई पत्रकारों पर हमले हुए हैं, जिनमें कई मारे गए हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर यह भी एक अनसुलझा मामला बनकर रह जाएगा?