गौरव कोचर
टेलीग्राफ टाइम्स
2 फरवरी
राजस्थान:शेयर बाजार में निवेश का लालच देकर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। गिरोह के सदस्य इतने शातिर थे कि हजारों करोड़ रुपये होने के बावजूद साधारण जीवन जीते थे, ताकि किसी को शक न हो। जब पुलिस ने जांच शुरू की और गिरफ्तारियां हुईं, तो गांववालों को भी यकीन नहीं हुआ।
गिरफ्तारी और खुलासे
श्रीगंगानगर के अम्बिका सिटी में किराए के मकान में रहने वाले लाजपत आर्य, उनके बेटे दीपक आर्य और अजय आर्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनका पैतृक गांव जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर हिंदुमलकोट मार्ग पर स्थित है।
गरीबी से अमीरी तक का सफर, लेकिन गलत रास्ते से
गांव वालों के अनुसार, यह परिवार कभी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। न खुद की जमीन थी, न कोई व्यवसाय। लेकिन अब इनके पास जयपुर समेत कई जगहों पर करोड़ों की संपत्तियां हैं।
डॉक्टर से ठग बनने की कहानी
ग्रामीणों का कहना है कि पहले लाजपत आर्य गांव में एक डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस करता था। लेकिन धीरे-धीरे उसने यह काम छोड़ दिया और ठगी के इस नेटवर्क में शामिल हो गया। उसके बेटे अजय और दीपक भी जब गांव आते थे, तो महंगी गाड़ियों में घूमते थे।
पुलिस को मिले अहम सबूत
पुलिस ने आरोपियों के घर से 6 स्मार्टफोन, 10 लाख रुपये नगद और 3 लग्जरी गाड़ियों के दस्तावेज बरामद किए हैं। साथ ही, पहले दर्ज मामलों में हुए राजीनामों के स्टाम्प पेपर भी मिले हैं।
मास्टरमाइंड अभी भी फरार
इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड सौरभ चावला और सलोनी बताए जा रहे हैं। जब पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापा मारा, तो वहां ताले लगे मिले। जानकारी के अनुसार, वे कई सालों से फरार हैं।
आगे की कार्रवाई
प्रोबेशनर आईपीएस बी. आदित्य ने बताया कि आरोपियों की संपत्तियों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। जल्द ही कोर्ट के माध्यम से उनकी नीलामी कर ठगे गए लोगों को राहत देने की योजना बनाई जाएगी।