वक्फ संशोधन बिल पर बवाल: विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध, सरकार को संसद में चुनौती नहीं
Written By: अवधेश बामल
Edited By: जसजीत सिंह आहूजा
मार्च 17, 2025 16:35 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
नई दिल्ली:
वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद और सड़कों पर घमासान मचा हुआ है। सरकार का दावा है कि इस बिल से वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और विवादों का शीघ्र निपटारा हो सकेगा, जबकि विपक्ष और मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक अधिकारों पर हमला मान रहे हैं। सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए।
क्या है वक्फ संशोधन बिल?
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विवाद निपटारे के लिए लाए गए इस बिल में कई अहम प्रावधान किए गए हैं:
- न्यायालय में अपील का अधिकार:
- पहले वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम माना जाता था, लेकिन अब फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
- वक्फ संपत्ति का दावा:
- बिना दान के किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा।
- वक्फ बोर्ड में महिला और अन्य धर्म के सदस्य:
- बोर्ड में महिला और अन्य धर्म से दो सदस्यों को शामिल करना अनिवार्य होगा।
- कलेक्टर के अधिकार:
- कलेक्टर संपत्तियों का सर्वेक्षण कर सकेंगे और गलत वक्फ घोषणाओं की जांच कर सकेंगे।
सरकार बनाम विपक्ष: तर्क और विरोध
सरकार का पक्ष:
सरकार का कहना है कि इस बिल से वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोका जा सकेगा और संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन से मुस्लिम महिलाओं को भी लाभ मिलेगा। सरकार ने वक्फ संपत्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चिंता जताई है।
विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का आरोप:
मुस्लिम संगठनों और विपक्ष का आरोप है कि यह बिल वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता छीनकर सरकार को संपत्तियों पर कब्जा करने का अधिकार देता है। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियां धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों के अंतर्गत आती हैं और इनमें दखलअंदाजी अस्वीकार्य है।
नंबर गेम: संसद में सरकार का पलड़ा भारी
विपक्ष के विरोध के बावजूद संसद में बिल के पारित होने की पूरी संभावना है।
- लोकसभा में सरकार का बहुमत: 293 सांसद
- राज्यसभा में भी समर्थन: 120+ सांसद
बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू और टीडीपी ने भी बिल का समर्थन जताया है, जिससे विपक्ष की चुनौती कमजोर पड़ती दिख रही है।
विरोध प्रदर्शन का दौर जारी
AIMPLB के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन में तमाम मुस्लिम संगठनों और विपक्षी नेताओं ने शिरकत की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वक्फ संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में लाने की साजिश रची जा रही है। AIMPLB ने जेडीयू और टीडीपी नेताओं से भी अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के लिए बिल का विरोध करने की अपील की, लेकिन इन दलों ने अपना समर्थन सरकार को ही दिया है।