राजस्थान हाईकोर्ट : पंजीकरण प्रमाण-पत्र एक मौलिक योग्यता ना होकर मात्र एक लिपिकीय औपचारिकता

Reported By: Mahesh Chand
Edited By: Naresh Gunani
मार्च 06, 2025 20:46 IST
टेलीग्राफ टाइम्स

राजस्थान हाईकोर्ट : पंजीकरण प्रमाण-पत्र एक मौलिक योग्यता ना होकर मात्र एक लिपिकीय औपचारिकता

जोधपुर,राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अरुण मोंगा ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि नर्सिंग काउंसिल पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करना एक लिपिकीय औपचारिकता है, ना की एक वास्तविक आवश्यक योग्यता। उन्होंने वैध नर्सिंग पंजीयन प्रमाण पत्र नहीं होने की स्थिति में अभ्यर्थी को नर्सिंग ऑफिसर के पद पर अस्थायी नियुक्ति देने के अहम आदेश दिए है।

शास्त्रीनगर जोधपुर निवासी प्रमिला चौधरी की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा नर्सिंग ऑफिसर के 6981 पदों के लिए जारी विज्ञप्ति में आवश्यक योग्यता सीनियर सेकेंडरी और समकक्ष, नर्सिंग डिप्लोमा और नर्सिंग काउंसिल में पंजीयन रखी गई। याचिकाकर्ता के नर्सिंग डिप्लोमा का पंजीयन राजस्थान नर्सिंग काउंसिल जयपुर के कार्यालय में हो गया था और समय समय पर नर्सिंग काउंसिल द्वारा नवीनीकृत किया जाता रहा। वर्तमान में 31 दिसंबर 2024 तक नवीनीकृत किया हुआ था। नर्सिंग ऑफिसर पद के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 जून 2023 थी और इस कट ऑफ तारीख को याचिकाकर्ता के पास राजस्थान नर्सिंग काउंसिल द्वारा जारी वैध नवीनीकृत रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र उपलब्ध था। ऐसे में याचिकाकर्ता हर तरह से योग्य अभ्यर्थी है। इसी प्रमाण पत्र के आधार पर याचिकाकर्ता 28 दिसंबर 2019 से राजकीय चिकित्सालय में नर्सिंग ऑफिसर के अस्थायी सविंदा पद पर कार्यरत है।

बावजूद इन सभी परिस्थितियों के राजस्थान नर्सिंग काउंसिल द्वारा एनओसी जारी होना कहकर पंजीयन प्रमाणपत्र को निष्क्रिय बता देने पर निदेशक, सीफू, जयपुर ने याचिकाकर्ता को नर्सिंग ऑफिसर भर्ती 2023 की चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया जो अवैध, असवैधानिक और मनमाना होने से याचिकाकर्ता ने रिट याचिका पेश की गई। सुनवाई के पश्चात न्यायाधीश अरुण मोंगा की एकलपीठ ने रिट याचिका स्वीकार करते हुए यह प्रतिपादित किया कि पंजीकरण प्रमाण-पत्र एक मौलिक योग्यता न होकर मात्र एक लिपिकीय औपचारिकता है। इस संबंध में कोई परीक्षा या साक्षात्कार आयोजित नहीं किया जाता है। इसके बजाय, यह केवल आवेदक की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर प्रदान किया जाता है। एकलपीठ ने राज्य सरकार को 30 दिन के भीतर भीतर इलेक्ट्रिक मोड यानि ईमेल, व्हाट्सएप्प या टेलीफोन आदि के माध्यम से पंजीयन प्रमाण पत्र का लंबित सत्यापन पूरा कर याचिकाकर्ता को अंतिम कटऑफ को वैद्य पंजीयन प्रमाण पत्र होने पर नर्सिंग ऑफिसर पद पर सभी परिलाभों सहित नियुक्ति देने का आदेश दिया और साथ ही अगर वैद्य प्रमाण पत्र नही होने की स्थिति में प्रमाण पत्र पेश कर देने की अंडरटेकिंग लेकर अस्थायी नियुक्ति आदेश जारी करने के आदेश दिए।

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