राजस्थान हाईकोर्ट : नए राजस्व ग्राम घोषित करने के आदेश की क्रियान्विति पर रोक, अगली सुनवाई 14 फरवरी को

Telegraph Times
Naresh Gunani

जोधपुर:राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के नए राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए जारी परिपत्र में तय निर्धारित मापदंडों के विपरीत जाकर तीन नए राजस्व ग्राम घोषित करने के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई है। नियमानुसार नए राजस्व ग्राम का नाम किसी व्यक्ति विशेष, धर्म, जाति, और उपजाति के नाम पर किये जाने पर स्पष्ट मनाही है। बावजूद इसके नियम कायदों को दरकिनार कर नए प्रस्तावित गावों के नाम स्थानीय वार्ड पंच और पार्टी कार्यकर्ता के पूर्वजों के नाम पर कर प्रस्तावित कर दिए गए। याची की तरफ से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने पैरवी की। राजस्थान हाइकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ से राहत मिली। राज्य सरकार सहित जिला कलेक्टर जोधपुर को जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई 14 फरवरी 2025 को होगी।

जोधपुर जिले की शेरगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत खिरजा फतेहसिंह के मूल राजस्व ग्राम खिरजा भोजा निवासी डूंगरसिंह सहित पांच अन्य की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी व विनीता चांगल ने रिट याचिका दायर कर बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसी भी राजस्व ग्राम म में आबादी बढ़ जाने और मूलभूत सुविधाओं। के सुलभ और नज़दीक उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के अन्तर्गत परिपत्र जारी कर नये ग्राम बनाये जाने के लिए निर्धारित मापदंड और नियम बना रखे हैं और उसी के अनुरूप समय की जरूरत अनुसार नए राजस्व गांव प्रस्तावित होते रहे हैं, लेकिन राजनीतिक दुर्भावनापूर्वक और राजनैतिक पार्टी के व्यक्ति विशेष को उपकृत करने के एक मात्र उद्देश्य से याचिकाकर्ताओं के मूल राजस्व ग्राम खिरजा भोजा में से तीन नये ग्राम प्रस्तावित कर दिए गए। जिस पर याचिकाकर्ताओं सहित सभी ग्रामवासियों ने लिखित में आपत्तियां भी पेश की लेकिन स्थानीय विधायक की विशेष अनुशंषा और दखलअंदाजी होने से सभी आपत्तियां को दरकिनार करते हुए और अपेक्षित मापदंडों को कंसीडर किये बिना ही व्यक्ति विशेष के पूर्वजों के नाम से तीन नए राजस्व गांव बनाते हुए दिनाँक 10 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी कर दी गयी। जिसे रिट याचिका दायर कर चुनौती दी गयी।

याचीगण की ओर से अधिवक्ता खिलेरी ने बताया कि नियमानुसार नए राजस्व ग्राम के लिए आबादी, चरागाह, सिवाय चक जमीन, आबादी जमीन, आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के विस्तार इत्यादि के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ही नए राजस्व गांव का सृजन किया जा सकता है लेकिन राजस्व विभाग द्वारा ग्राम खिरजा भोजा से तीन नए गांव घोषित करने के लिए जारी की गई अधिसूचना राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 की थारा 16 में विहित प्रक्रिया और प्रावधानों के विपरीत होकर मात्र राजनैतिक व गैरवाजिब, गैरकानूनी और असवैधानिक है।

प्रकरण के तथ्यों और मामले की परिस्थितियों का अनुशीलन कर और याची के अधिवक्ता के तों से सहमत होकर राजस्थान हाइकोर्ट एकलपीठ न्यायाधीश ने शेरगढ़ तहसील के नवसृजित तीन राजस्व गांव के आदेश

की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को जवाब तलब किया। मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को नियत की।

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