राजस्थान में सियासी घमासान: अशोक गहलोत का सरकार पर तीखा हमला
Written By: महेश गुप्ता
Edited By : लोकेंद्र सिंह शेखावत
मार्च 20, 2025 14:44 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
जयपुर: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की भजनलाल सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। विधानसभा में मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने सरकार के कामकाज और विपक्ष के प्रति उसके रवैये की कड़ी आलोचना की।
कांग्रेस ने दिया था मौका, पर सरकार ने किया निराश
अशोक गहलोत ने कहा कि जब नई सरकार बनी थी, तो मुख्यमंत्री और मंत्री नए थे। कांग्रेस विधायक दल ने सोचा कि उन्हें काम करने का मौका मिलना चाहिए। लेकिन अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार विपक्ष को दबाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, “बीते एक साल में कांग्रेस ने कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं किया। जो भी बात सरकार तक पहुंचानी थी, वो मीडिया के माध्यम से पहुंचाई गई। लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे सकारात्मक दृष्टिकोण से नहीं देखा। हम चाहते थे कि सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर ऐसे काम करें, जिससे आम जनता को सीधे लाभ मिले।”
विपक्ष के बिना लोकतंत्र अधूरा
गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के छह सदस्यों को विधानसभा से निष्कासित करना न केवल अलोकतांत्रिक है बल्कि अनुभवहीनता का प्रतीक भी है।
“सदन में बिना विपक्ष के कार्यवाही चलाना लोकतंत्र के लिए घातक है। विपक्ष को दरकिनार करके कोई भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती। सत्ता पक्ष को यह समझना होगा कि विपक्ष के बिना लोकतंत्र में पक्ष का कोई अस्तित्व नहीं होता,” गहलोत ने कहा।
किसान आंदोलन पर भी साधा निशाना
गहलोत ने पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले किसानों से कई वादे किए थे, लेकिन उन्हें निभाया नहीं गया।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने की बात कही थी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान होना चाहिए,” गहलोत ने कहा।
बीजेपी पर भी तंज
गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष को दबाने का प्रयास लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को समझना चाहिए कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों की समान भूमिका होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन बयानों से राज्य की सियासत में हलचल मच गई है। उन्होंने सत्ता पक्ष पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने की अपील की। अब देखना यह है कि बीजेपी और भजनलाल सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।