गौरव कोचर
टेलीग्राफ टाइम्स
13 फरवरी
बांसवाड़ा: राजस्थान में जमीन घोटाले का एक और बड़ा मामला सामने आया है। बांसवाड़ा जिले की गढ़ी तहसील में तहसीलदार, पटवारी और गिरदावर की मिलीभगत से 30 करोड़ की 111 बीघा सरकारी जमीन को निजी लोगों के खाते में डाल दिया गया। मामला उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया है, और जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
कैसे हुआ घोटाला?
सूत्रों के मुताबिक, तहसीलदार और पटवारियों ने सरकारी जमीन को हड़पकर दूसरे लोगों के नाम कर दिया। यह बेशकीमती जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग 927 ए के किनारे स्थित है, जिसकी कीमत 25-30 लाख प्रति बीघा आंकी गई है। घोटाले के बाद आरोपियों ने अलग-अलग स्थानों पर ट्रांसफर करवा लिया, जबकि तत्कालीन तहसीलदार केसर सिंह चौहान अब रिटायर हो चुके हैं।
प्रशासन ने की कार्रवाई
बांसवाड़ा कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने बताया कि मामले की जांच में तहसीलदार, पटवारी और गिरदावर की संदिग्ध भूमिका पाई गई। इसके बाद सभी को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को भी मामले की जांच सौंपने के लिए परिवाद दर्ज कराया गया है।
पहले भी सामने आ चुका है बड़ा जमीन घोटाला
गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान के बाड़मेर जिले में भी एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया था, जिसमें SDM पर किसानों से जमीन खरीदकर सोलर कंपनियों को ऊंची कीमत पर बेचने का आरोप लगा था। अब बांसवाड़ा में नया मामला सामने आने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है।