Reported By: संजय सिंह
Edited By: नरेश गुनानी
मार्च 10, 2025 18:5 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
जयपुर रेपकांड से मचा हड़कंप
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक शर्मनाक घटना ने प्रदेश को हिला कर रख दिया है। एक कॉन्स्टेबल द्वारा गर्भवती महिला से दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद राज्य में आक्रोश व्याप्त है। इस गंभीर घटना पर राज्य के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार किसी भी अपराधी को बख्शने वाली नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दुष्कर्मियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
राज्यपाल हरिभाऊ बांगडे का कड़ा बयान
इस घटना के बीच, राज्यपाल हरिभाऊ बांगडे ने दुष्कर्मियों के लिए कठोर कानून बनाने की मांग की है। भरतपुर दौरे के दौरान महात्मा गांधी पशु चिकित्सा महाविद्यालय में आयोजित जिला बार संघ के शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल ने कहा कि दुष्कर्मियों को नपुंसक बनाने का कानून होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा,
“दुष्कर्म करने वालों के खिलाफ ऐसा कानून होना चाहिए कि आरोपी को पकड़कर नपुंसक बना दिया जाए।”
समाज में बढ़ती संवेदनहीनता पर चिंता
राज्यपाल हरिभाऊ बांगडे ने समाज में संवेदनहीनता की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जब किसी महिला के साथ अत्याचार होता है, तो लोग उसकी मदद करने के बजाय वीडियो बनाने में व्यस्त हो जाते हैं। यह मानसिकता बेहद खतरनाक है। राज्यपाल ने अपील की कि लोग ऐसी घटनाओं में पीड़िता की मदद के लिए आगे आएं।
उन्होंने कहा,
“जब कोई अपराध करता है, तो वह अकेला होता है। लेकिन अगर चार लोग मिलकर पीड़िता की मदद करें, तो अपराधी हिम्मत नहीं कर पाएगा।”
महाराष्ट्र का उदाहरण देकर दी सीख
राज्यपाल ने महाराष्ट्र का एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक ग्राम पंचायत में कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए उनका बधियाकरण (नपुंसक बनाना) कर दिया गया था। उन्होंने सुझाव दिया कि दुष्कर्मियों के खिलाफ भी ऐसा ही कठोर कदम उठाया जाए।
“जो व्यक्ति महिला और बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देता है, उसके खिलाफ ऐसा कानून होना चाहिए जो तुरंत आरोपी को पकड़कर नपुंसक बना दे।”
कठोर कानून की जरूरत क्यों?
राजस्थान में हाल के दिनों में दुष्कर्म और महिला अत्याचार की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्यपाल के इस बयान के बाद समाज में बहस छिड़ गई है कि क्या वाकई नपुंसक बनाने जैसा कठोर कानून लागू होना चाहिए।
विशेषज्ञों का मत:
कानून विशेषज्ञों का कहना है कि दुष्कर्मियों के खिलाफ कठोरतम सजा का प्रावधान होना चाहिए ताकि अपराधियों में डर पैदा हो सके। हालांकि, नपुंसक बनाने जैसा कानून मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
राजनीतिक दलों में भी इस बयान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ इसे कठोर लेकिन प्रभावी कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे अमानवीय करार देते हैं।
सरकार का रुख और भविष्य की दिशा
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने साफ किया है कि प्रदेश सरकार दुष्कर्मियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, नपुंसक बनाने का कानून बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता होगी।