राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का व्यापार बंद 23 मार्च तक स्थगित, व्यापारियों को 11 हजार करोड़ का नुकसान

Edited By: लोकेंद्र सिंह शेखावत मार्च 01, 2025 19:40 IST
टेलीग्राफ टाइम्स

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का व्यापार बंद 23 मार्च तक स्थगित, व्यापारियों को 11 हजार करोड़ का नुकसान

जयपुर: राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की 56 सूत्रीय मांगों को लेकर जारी सात दिवसीय व्यापार बंद को 23 मार्च तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। व्यापार बंद के कारण राज्य के व्यापारियों को 11 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर का नुकसान हो चुका था।

राज्य के कृषि विपणन निदेशक राजेश चौहान के साथ विस्तृत चर्चा के बाद बैठक में आधी मांगों के समाधान की स्वीकृति दी गई। निदेशक ने आश्वासन दिया कि सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक समीक्षा कर समाधान कराया जाएगा। इसके अलावा, राज्य में हो रही ओलावृष्टि को देखते हुए किसानों की कृषि जिंस खराब न हो, इस उद्देश्य से मंडियों के दरवाजे खोलने का निर्णय लिया गया।

व्यापक आमसभा में हुआ फैसला

आज आयोजित आमसभा में राज्य की 247 मंडियों के प्रतिनिधि, दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल एवं मसाला उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल, महामंत्री रिद्धकरण सेठिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष केदारनाथ अग्रवाल व रामचरण नाटाणी, जयपुर दाल मिल के अध्यक्ष बाबूलाल गोयल, पवन अग्रवाल सहित कई व्यापारी शामिल हुए।

साथ ही, हनुमानगढ़ जंक्शन, पीलीबंगा, केकड़ी, कुचामनसिटी, रामगंजमंडी, बूंदी, अलवर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, भरतपुर, अजमेर, उदयपुर, प्रतापगढ़ समेत विभिन्न मंडियों के अध्यक्षों और मंत्रियों से वार्ता के बाद सर्वसम्मति से व्यापार बंद को 23 मार्च तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया।

मुख्यमंत्री से मुलाकात और समाधान की समय सीमा

संघ के पदाधिकारियों ने घोषणा की कि 7 मार्च तक मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी और 23 मार्च तक समस्याओं का समाधान करवाने का प्रयास होगा। इसी के तहत, तत्काल प्रभाव से मंडियों, दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल व मसाला उद्योगों में व्यापार संचालन की अनुमति दे दी गई है।

किसानों की उपज होगी सुरक्षित

यह भी तय किया गया कि बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान न पहुंचे। मंडियों के दरवाजे 24 घंटे खुले रहेंगे, ताकि किसान अपनी कृषि जिंस मंडियों में सुरक्षित रख सकें।

इस निर्णय से व्यापारियों को राहत मिली है, वहीं किसानों की उपज भी सुरक्षित रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

 

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