राजस्थान के 90 नगर निकायों में अध्यक्षों को छोड़नी पड़ेगी कुर्सी, सरकार का बड़ा फैसला!

Edited By: Sunil Sharma
फ़रवरी 22, 2025 18:57 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
राजस्थान सरकार ने “वन स्टेट, वन इलेक्शन” की नीति को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश की 90 नगर निकायों के बोर्ड को भंग करने का संकेत दिया है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने झुंझुनू में अपने दौरे के दौरान यह बयान दिया, जिससे यह साफ हो गया कि सरकार इस दिशा में गंभीर है।

जनवरी 2026 से पहले होगा निकाय चुनाव

मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि कानून में प्रावधान है कि सरकार कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले निकायों को भंग कर सकती है। इसी के चलते सरकार 2025 में ही सभी निकायों के एक साथ चुनाव करवाएगी। जबकि इन निकायों का कार्यकाल जनवरी 2026 में समाप्त होना था। इस फैसले को लागू करने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।

यमुना का पानी पहुंचेगा सीकर, चूरू और झुंझुनूं

मंत्री ने यह भी घोषणा की कि भजनलाल सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में सीकर, चूरू और झुंझुनूं के गांव-गांव तक यमुना का पानी पहुंचाएगी। इसके लिए ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो सर्वेक्षण के बाद डीपीआर तैयार करेगी।

नीमकाथाना जिले को लेकर सरकार का रुख

नीमकाथाना जिले को खत्म करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि नई जिला संरचना के फैसले में आर्थिक स्थिति को नजरअंदाज किया गया। एक जिले के विकास के लिए 2 से 3 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है, जिसे बिना ठोस योजना के लागू करना मुश्किल है।

सरकार के फैसले का असर

90 नगर निकायों के अध्यक्षों को कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ना होगा।

सभी निकाय चुनाव एक साथ करवाने की योजना से प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ होगी।

यमुना जल परियोजना से शेखावाटी क्षेत्र के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।

सरकार के इस फैसले को लेकर स्थानीय स्तर पर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। अब देखना होगा कि आगे की रणनीति क्या होगी।

 

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