राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए सतत और सामूहिक प्रयासों की जरूरत: कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित

Telegraph Times
Lokendra Singh

बीकानेर:सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में दो दिवसीय राजस्थानी भाषा महोत्सव के दूसरे दिन राजकीय सार्वजनिक पुस्तकालय सभागार में डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी अवार्ड समारोह आयोजित किया गया।

समारोह के मुख्य अतिथि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित थे। राजस्थानी भाषा महोत्सव के दौरान 2022 के लिए मनीषा आर्य सोनी और डॉ. नमामी शंकर आचार्य, 2023 के लिए डॉ. कृष्णा आचार्य एवं डॉ गौरीशंकर प्रजापत एवं वर्ष 2024 के लिए तैस्सितोरी अवार्ड डॉ. सत्य प्रकाश आचार्य एवं डॉ. नरेश गोयल को अर्पित किए गए।

इस अवसर पर आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा की शोध कार्य को बढ़ाना होगा। उन्होंने आह्वान किया कि सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट शोध कार्य के लिए रिसर्च टॉपिक प्रस्तावित करें। प्रो. दीक्षित ने कहा कि सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट में उपलब्ध प्राचीन सामग्री का डिजिटाइजेशन करना चाहिए, इसके लिए विश्वविद्यालय आवश्यक सहयोग किया जाएगा। प्रो. दीक्षित ने कहा कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए सतत और सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साहित्यकार रच सकते हैं। जन-जन को इन्हें अपनाना होता। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश की पहचान इसकी संस्कृति और भाषा से होती है। राजस्थान को भी राजस्थानी ने विशेष पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के संसाधन राजस्थानी भाषा को समर्थ करने के लिए सदैव उपलब्ध हैं। राजस्थानी विभाग को स्थाई करने के मुद्दे पर उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय इसके लिए तैयार है। इसके लिए सरकार स्तर से अनुमति की जरूरत है।

संयोजकीय व्यक्तव्य देते हुए सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के सचिव राजेन्द्र जोशी ने कहा कि संस्थान राजस्थानी भाषा के विद्वानों एवं राजस्थानी के समर्थकों को प्रतिवर्ष अवार्ड देकर सम्मानित करता है। शीघ्र ही विश्वविद्यालय के साथ एमओयू होगा जिससे राजस्थानी के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। जोशी ने राजस्थानी भाषा एवं संस्कृति के उत्थान के लिए वर्ष पर्यंत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाने की जानकारी दी।

कार्यक्रम प्रभारी राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत उद्बोधन दिया और अब तक दिए हुए पुरस्कारों का विवरण प्रस्तुत किया। कार्य योजना के बारे में डॉ. अजय जोशी ने अपने विचार रखे। डॉ. उमाकांत गुप्त ने एल.पी. तैस्सितोरी के व्यक्तित्व एवं व्यक्तित्व के बारे में बताया। अवार्ड प्राप्त करने वालों का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. सत्य प्रकाश आचार्य एवं डॉ. नरेश गोयल ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए सदैव आगे बढ़कर कार्य किया जाएगा। अभिनंदन पत्रों का वाचन आशा शर्मा, बाबूलाल छंगाणी, निर्मल शर्मा, डॉ. नासिर जैदी, कमल आर्य एवं इरशाद अजीज ने किया। समन्वयक एन. डी. रंगा ने आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम में डॉ. प्रशांत बिस्सा, अब्दुल शकूर सिसोदिया, डॉ. फारूक चौहान, मोइनुद्दीन कोहरी, डॉ विमल शर्मा, कल्याण मल सुथार, एड. महेंद्र जैन, गजेंद्र सिंह, इन्द्रा व्यास और शिवशंकर शर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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