Edited By: Lokendra Singh
फ़रवरी 22, 2025 20:49 IST
Telegraph Times
जयपुर। मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन की ओर से लाल कोठी स्थित प्रधान कार्यालय में “मायड़ भाषा पर कार्यशाला” का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य राजस्थानी भाषा के प्रचार-प्रसार और उसे संवैधानिक मान्यता दिलाने की मांग को मजबूत करना था।
कार्यशाला में राजस्थानी साहित्यकार अभिलाषा पारीक ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया और युवा पीढ़ी को राजस्थानी भाषा के अधिकाधिक उपयोग का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राजस्थानी भाषा का इतिहास 1000 वर्षों से अधिक पुराना है और यह वैदिक काल से प्रचलित रही है। साथ ही, यह वैज्ञानिक, व्याकरणिक और छंदात्मक विशेषताओं से समृद्ध भाषा है।
इस अवसर पर बताया गया कि राजस्थानी भाषा विश्व की 13 समृद्ध भाषाओं में शामिल है और नेपाल में संवैधानिक भाषा का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। इसके बावजूद, भारत में इसे अब तक संवैधानिक मान्यता नहीं मिली।
मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन के संस्थापक महासचिव सीए विजय गर्ग ने कहा कि राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए देश-प्रदेश के प्रतिनिधियों को ज्ञापन भेजे जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थानी भाषा के 1000 से अधिक प्रचलित शब्दों को प्रवासी राजस्थानियों तक पहुंचाने के लिए उन्हें प्रकाशित किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी सदस्यों और आमंत्रित अतिथियों ने राजस्थानी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने हेतु संकल्प लिया।