मोदी-योगी के नेतृत्व में महाकुम्भ की व्यवस्था ‘न भूतो न भविष्यति’ अवधेश सिंह

टेलीग्राफ टाइम्स संवाददाता
09 फरवरी
-संगम की पवित्र डुबकी से शुद्ध हुआ दुनिया का अंतरतम, सनातन संस्कृति का उदय विश्व भर में पंख फैलाए हुए हैं सनातन धर्म के प्रति श्रद्धा और विश्वास विधायक अवधेश बोले, मानवता का सर्वोत्तम मार्ग है सनातन संस्कृति

महाकुम्भ नगर: प्रयाग महाकुम्भ त्रिवेणी संगम के इस अद्वितीय सान्निध्य में जहां हर कण में श्रद्धा, भक्ति और समर्पण की महक है, वहां एक विशिष्ट अनुभव की खुशबू आ रही है। यह अनुभव उस समय का प्रतीक है जब श्रद्धालु अपने जीवन की सबसे गहरी आध्यात्मिक अभिव्यक्ति को आत्मसात करते हैं। संप्रदाय, संस्कृति और राष्ट्र की सीमाओं को पार कर यहां देश-विदेश से आए श्रद्धालु अपने अंतरतम को शुद्ध करने के लिए इस महाकुम्भ की ओर आकर्षित हो रहे हैं। महाकुम्भ ने यह सिद्ध कर दिया है कि सनातन संस्कृति जो समय की परतों में दबकर कहीं खो नहीं गई, बल्कि वह आज भी जीवित है, जागृत है और सम्पूर्ण विश्व को अपने आलोक से आलोकित कर रही है। 144 साल बाद आई शुभ मुहूर्त में शायद ही कोई बचा हो जो त्रिवेणी संगम में डुबकी न लगाया हो।

वाराणसी के पिंडरा से विधायक अवधेश सिंह ने महाकुम्भ के इस अद्वितीय रूप को देखा और महसूस किया। महाकुम्भ की व्यवस्था को उन्होंने न भूतो न भविष्यति बताया। रविवार को ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि इस बार महाकुम्भ में श्रद्धा और आस्था का जो उमड़ता हुआ भाव देखने को मिला है, वह अपनी पूरी जिंदगी में मैंने पहले कभी नहीं देखा। गरीब तबके के लोग जो कई किलोमीटर पैदल चलकर यहां पहुंचे हैं, उनका जोश और विश्वास अभूतपूर्व है। यह महाकुम्भ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। विधायक ने बताया कि यह वह समय है जब सनातन धर्म के प्रति श्रद्धा और विश्वास न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में एक नई जागरूकता के रूप में पंख फैलाए हुए हैं। इस मेला में जिस प्रकार हर वर्ग, हर समाज के लोग एकजुट हो रहे हैं, वह इस सत्य को प्रकट करता है कि सनातन संस्कृति न केवल एक धर्म बल्कि मानवता का सर्वोत्तम मार्ग है।

उन्होंने बताया कि महाकुम्भ में श्रद्धालु हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके आ रहे हैं, जो यह भी दर्शाता है कि सनातन संस्कृति की गहरी जड़ें केवल भारत में ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व में फैली हुई हैं। यहां पहुंचे लोग चाहे वे पंजाब से हों, राजस्थान से, उत्तरांचल से या झारखंड से सभी एक ही उद्देश्य से यहां आए हैं आध्यात्मिक उन्नति और आस्था की तलाश में। इस महान काव्यात्मक संगम में हर व्यक्ति अपनी यात्रा के माध्यम से न केवल अपने शरीर को शुद्ध कर रहा है, बल्कि आत्मा की पवित्रता की ओर भी अग्रसर हो रहा है।

इसके पूर्व वाराणसी के पिंडरा विधानसभा से भाजपा के विधायक डॉ अवधेश सिंह पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज सेक्टर-18 स्थित शिविर में पहुंचे। शंकराचार्य के चरण पादुका का पूजन किया और यज्ञ में आहुति डाली।

अवधेश सिंह ने महाकुम्भ की व्यवस्था की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महाकुम्भ की व्यवस्था में जो सुधार किए हैं, वह अभूतपूर्व हैं। जो व्यवस्था इस समय महाकुम्भ में देखने को मिल रही है, वह अब तक कभी नहीं देखी गई। सड़कें, गलियां, सफाई-सब कुछ बेमिसाल है।

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