महाशिवरात्रि पर महाकुंभ स्नान के लिए मेला क्षेत्र और प्रयागराज नो-व्हीकल जोन घोषित

Edited By: गणेश शर्मा
25 फ़रवरी 2025 10:48 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
महाशिवरात्रि पर महाकुंभ स्नान के लिए मेला क्षेत्र और प्रयागराज नो-व्हीकल जोन घोषित

महाकुंभ नगर,महाशिवरात्रि एवं महाकुंभ पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 25 फरवरी को अपराह्न 16:00 बजे से मेला क्षेत्र और सायं 18:00 बजे से कमिश्नरेट प्रयागराज नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस निर्णय का पालन करते हुए सुचारू यातायात एवं श्रद्धालुओं की सुविधा में सहयोग करें।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के दृष्टिकोण से प्रशासन ने प्रवेश मार्गों के अनुसार स्नान घाटों का निर्धारण किया है। झूसी से आने वाले श्रद्धालुः दक्षिणी झूसी के श्रद्धालु संगम द्वार ऐरावत घाट पर स्नान करें।

उत्तरी झूसी के श्रद्धालु संगम हरिश्चंद्र घाट एवं संगम ओल्ड जीटी घाट का उपयोग करें। परेड क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालुः संगम द्वार भरद्वाज घाटसंगम द्वार नागवासुकी घाटसंगम द्वार मोरी घाटसंगम द्वार काली घाटसंगम द्वार रामघाटसंगम द्वार हनुमान घाट

अरैल क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालुः संगम द्वार अरैल घाटप्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने प्रवेश मार्ग के निकटतम घाट पर स्नान करें ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सके।

आवश्यक सेवाओं को मिलेगी छूटयातायात प्रतिबंधों के बावजूद, दूध, सब्जी, दवा, पेट्रोल/डीजल की आपूर्ति, एम्बुलेंस और सरकारी सेवाओं (पुलिस, डॉक्टर, प्रशासन) से जुड़े वाहनों के आवागमन पर कोई रोक नहीं रहेगी। इन आवश्यक सेवाओं के निर्बाध संचालन की व्यवस्था की गई है।

महाशिवरात्रि पर विशेष अपील 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर्व महाकुंभ के साथ पड़ने के कारण श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ की संभावना है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे यथाशीघ्र अपने निकटतम घाट पर स्नान करें और शिवालयों में दर्शन कर भीड़ को संतुलित बनाए रखने में सहयोग करें। पांटून पुलों का संचालन भीड़ के अनुसार होगाभीड़ नियंत्रण के लिए सभी पांटून पुलों का संचालन श्रद्धालुओं की संख्या और दबाव के आधार पर किया जाएगा। यदि किसी क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ हो जाती है तो प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराए जाएंगे। श्रद्धालुओं से पुनः अपील की जाती है कि सभी घाटों को संगम के समान आध्यात्मिक महत्व प्राप्त है। इसलिए, कृपया यातायात और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने निकटतम घाट पर स्नान करें और दर्शन उपरांत शीघ्र अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें।

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