महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई
महामंडलेश्वर राम बालक दास महाराज के सान्निध्य में आयोजित हुआ भव्य कार्यक्रम
Written By: नरेश गुनानी अप्रैल 11, 2025 20:25 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
(रिपोर्ट: हरिप्रसाद शर्मा, पुष्कर/अजमेर)
पुष्कर में समाज सुधारक, शिक्षाविद् एवं महिला शिक्षा के प्रणेता महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। यह भव्य आयोजन तिलोरा रोड रेलवे फाटक स्थित राष्ट्रीय स्मारक पर महात्मा ज्योतिबा फुले माता सावित्रीबाई फुले सर्किल विकास समिति के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में सिद्धेश्वर गौशाला समिति के महामंडलेश्वर राम बालक दास महाराज का सान्निध्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और महात्मा फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। उपस्थित अतिथियों और आमजन ने सामूहिक रूप से पुष्प अर्पित कर महात्मा फुले को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति:
इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों से बड़ी संख्या में गणमान्यजन शामिल हुए। राजस्थान प्रदेश माली सैनी महासभा के अध्यक्ष ताराचंद गहलोत, अखिल भारतीय माली सैनी सेवा संस्थान के अध्यक्ष सत्यनारायण भाटी, सिद्धेश्वर गौशाला समिति के अध्यक्ष मंगनी राम अजमेरा, अजमेर क्रय विक्रय सहकारी समिति के चेयरमेन रूपचंद मारोठिया, डॉ. अजय सैनी, जगदीश कुर्डिया, वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ के प्रदेश सचिव दामोदर मुखिया जैसे कई प्रमुख चेहरे मंच पर उपस्थित रहे।
इसके अलावा क्षेत्र के अन्य गणमान्य अतिथियों में शेषकरण भोमिया, सुखदेव प्रसाद मारोठिया, रामजतन चौधरी, पूनम चंद अजमेरा, सुखाराम भाटी, त्रिलोक पालड़िया, बंटी गहलोत, अंकुर तिलक गहलोत, घीसू तंवर, पुखराज दग्दी, कैलाश चौहान, हनुमान प्रसाद सिंगोदिया, गोपाल जांगिड, गोपाल तिलानिया, माणक सिंह रावत, रोहन बाकोलिया, धर्मेन्द्र नागौरा, सरपंच ओमप्रकाश पंवार, ताराचंद भाटी, शिवा भाटी, नंदकिशोर कुँवाल, गोपाल भाटी, गणेश गहलोत, टीकम चौहान, रोहित अजमेरा, मानवी पालरिया, सीताराम सतरावला और अरुण सतरावला जैसे नाम उल्लेखनीय रहे।
महात्मा फुले के कार्यों पर चर्चा:
समारोह में वक्ताओं ने महात्मा ज्योतिबा फुले के जीवन, संघर्ष और सामाजिक क्रांति में उनके योगदान को विस्तार से बताया। उनके द्वारा शिक्षा के प्रचार-प्रसार, महिला अधिकारों की स्थापना और छुआछूत के खिलाफ किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए सभी ने उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
महामंडलेश्वर राम बालक दास महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा फुले ने उस समय समाज को जागरूक करने का कार्य किया जब अन्याय, अंधविश्वास और सामाजिक भेदभाव चरम पर था। उन्होंने शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार माना और सभी वर्गों तक शिक्षा पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
नवयुवकों की सक्रिय भागीदारी:
मालियान नवयुवक मंडल और अन्य सामाजिक संगठनों के युवाओं ने भी आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने व्यवस्थाओं में सहयोग के साथ-साथ सामाजिक संदेश देने वाले नारों और पोस्टरों के माध्यम से जन-जागरूकता का भी कार्य किया। ,कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें सभी ने एकजुट होकर महात्मा फुले के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।
यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि सभा थी, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी रहा, जिसने सामाजिक समरसता, शिक्षा और समानता की दिशा में सोचने और कार्य करने की भावना को और मजबूत किया।