भारत पहुंचीं तुलसी गबार्ड, खालिस्तानियों को कड़ा संदेश – “हमारी धरती पर भारत विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं”
Written By: अवधेश बामल
Edited By : byनरेश गुनानी
मार्च 17, 2025 14:05 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
नई दिल्ली।
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) भारत दौरे पर हैं। 18 मार्च को वह राजधानी दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग में शिरकत करेंगी। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में भाग लिया।
भारत विरोधी गतिविधियों पर सख्त संदेश
इस बैठक में तुलसी गबार्ड ने खालिस्तानी गतिविधियों पर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि “हमारी धरती पर भारत विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने इस मुद्दे पर भारत का समर्थन किया और दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति जताई।
रायसीना डायलॉग में खुफिया प्रमुखों का जमावड़ा
दिल्ली में तीन दिवसीय रायसीना डायलॉग का आयोजन हो रहा है, जिसमें 20 देशों के इंटेलिजेंस चीफ हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले अजीत डोभाल की अध्यक्षता में हुई खुफिया प्रमुखों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि किसी भी देश की सरजमीं का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा।
इस बैठक में तुलसी गबार्ड के अलावा कनाडा के एनएसए डेनियल रॉजर्स और ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI-6 के प्रमुख रिचर्ड मूर भी मौजूद थे। बैठक के बाद डोभाल और गबार्ड के बीच वन-टू-वन चर्चा भी हुई, जिसमें भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक भागीदारी और इंटेलिजेंस शेयरिंग को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
खालिस्तानी गतिविधियों पर सख्ती
भारत ने बैठक में विदेशी सरजमीं पर भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। अमेरिका में खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता जाहिर करते हुए डोभाल ने स्पष्ट किया कि ऐसे तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की कि उनकी धरती का उपयोग एक-दूसरे के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।
डोभाल-गबार्ड वार्ता रही गोपनीय
सूत्रों के अनुसार, डोभाल और गबार्ड के बीच बातचीत सकारात्मक रही, लेकिन यह बैठक पूरी तरह गोपनीय थी। इसमें भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा हुई।
रायसीना डायलॉग का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में तीन दिवसीय रायसीना डायलॉग के 10वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में भू-राजनीति और भू-आर्थिकी से जुड़े मुद्दों पर मंथन किया जा रहा है। इस साल का थीम “कालचक्र – पीपुल, पीस एंड प्लैनेट” है।
डायलॉग में 125 देशों के 3500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन मुख्य अतिथि हैं और उन्होंने उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण दिया।
भारत-अमेरिका साझेदारी को मिलेगी मजबूती
तुलसी गबार्ड के इस दौरे से भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। खालिस्तानी गतिविधियों पर गबार्ड का सख्त रुख भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है। वहीं, रायसीना डायलॉग के जरिए वैश्विक सुरक्षा और भू-राजनीतिक विषयों पर व्यापक चर्चा हो रही है।