भारत की संप्रभुता और न्याय का प्रतीक है तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण : सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती
26/11 के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि, आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई
Written By: गौरव कोचर अप्रैल 11, 2025 20:55 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
(रिपोर्ट: हरिप्रसाद शर्मा, अजमेर)
26/11 मुंबई आतंकी हमले के एक मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाए जाने की प्रक्रिया को लेकर देश भर में सराहना का माहौल है। इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर अजमेर दरगाह के प्रमुख उत्तराधिकारी एवं ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन, सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने इसे भारत की संप्रभुता, दृढ़ इच्छाशक्ति और न्याय व्यवस्था की सशक्त मिसाल बताया है।
शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि
चिश्ती ने कहा कि,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तहव्वुर राणा को भारत लाना उन शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्होंने 26/11 हमले में मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।”
उन्होंने कहा कि यह कदम उन परिवारों के लिए न्याय की एक नई उम्मीद है जिन्होंने अपनों को खोया और वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे।
भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति सजगता का प्रतीक
चिश्ती ने दो टूक कहा कि,
“26/11 जैसा हमला केवल मुंबई पर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला था। ऐसे अपराधियों को कानून के दायरे में लाना न्याय और राष्ट्रीय स्वाभिमान की स्थापना है।”
उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह निर्णय संदेश देता है कि भारत अब आतंकवादियों को कहीं भी छिपने नहीं देगा, और उन्हें कानून के कटघरे तक लाकर ही दम लेगा।
देशवासियों के जख्मों पर मरहम का कार्य
चिश्ती ने इस निर्णय को देशवासियों के मन में वर्षों से बने जख्मों पर मरहम रखने जैसा बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई न केवल आतंक के खिलाफ भारत के बदले हुए दृष्टिकोण को दर्शाती है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
पाकिस्तान में छिपे दुश्मनों को लाने का विश्वास
चिश्ती ने आगे कहा कि,
“आज तहव्वुर राणा भारत लाया जा रहा है, कल पाकिस्तान में छिपे बाकी देशद्रोहियों को भी लाया जाएगा, चाहे वे जीवित हों या मृत। यह भारत की न्याय प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रतीक है।”
प्रधानमंत्री मोदी और सुरक्षा एजेंसियों का आभार
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री एवं सभी सुरक्षा एजेंसियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि,
“यह साहसिक और न्यायसंगत निर्णय एक सशक्त भारत की पहचान है। यही नेतृत्व आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का माद्दा रखता है।”
न्याय का युग आरंभ
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत आतंक और असुरक्षा के साए से बाहर निकलकर, न्याय और विश्वास के नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता की रक्षा के लिए समर्थन और सजगता बनाए रखने का आह्वान किया।
तहव्वुर राणा का भारत लाया जाना एक कूटनीतिक और रणनीतिक सफलता है, जो न केवल भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय पकड़ को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि भारत अब आतंक के विरुद्ध आर-पार की नीति पर चल पड़ा है।
जय हिंद, जय भारत।