बागड़ा ब्राह्मण समाज की अनूठी पहल

राजस्थान 


बागड़ा ब्राह्मण समाज की अनूठी पहल: हरियाली के संदेश संग बारात का स्वागत, 101 पौधों के साथ दिलाई पर्यावरण संरक्षण की शपथ

जयपुर

Edited By : लोकेंद्र सिंह शेखावत
अप्रैल 07, 2025
टेलीग्राफ टाइम्स 

जहाँ आजकल शादियों में दिखावे और खर्च की होड़ मची रहती है, वहीं बागड़ा ब्राह्मण समाज ने हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देकर एक नई मिसाल कायम की है। डिग्गी मालपुरा मेगा हाईवे स्थित ग्राम पंचायत जगन्नाथपुरा के रातल्या गांव में आयोजित एक विवाह समारोह में दुल्हन पक्ष ने बारातियों का स्वागत 101 पौधे भेंट कर किया। यह कदम न केवल प्रकृति से प्रेम की भावना को दर्शाता है, बल्कि समाज को एक सकारात्मक दिशा भी देता है।

दुल्हन पक्ष ने दिलाई पर्यावरण संरक्षण की शपथ

इस आयोजन की सबसे खास बात यह रही कि दुल्हन माया शर्मा और दूल्हा रवि शर्मा को भी विशेष रूप से अमरूद और मीठे नीम के पौधे भेंट किए गए, साथ ही उन्हें इन पौधों की देखरेख कर उन्हें पेड़ बनने तक संजोने की शपथ दिलाई गई। दोनों ने संकल्प लिया कि ये पौधे उनकी शादी की स्मृति बनेंगे और वे उन्हें खुद लगाकर संरक्षित करेंगे।

Images by aparichitsource

विश्नोई समाज से मिली प्रेरणा

समाजसेवी और उद्योगपति दिनेश बागड़ा ने बताया कि यह प्रेरणा पश्चिमी राजस्थान के विश्नोई समाज से मिली, जो जोधपुर, बीकानेर और बाड़मेर जैसे क्षेत्रों में पर्यावरण-संरक्षण को लेकर वर्षों से जागरूक है। वहाँ शादी-ब्याह और अन्य उत्सवों में मेहमानों को पौधे देना आम चलन है। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए, इस शादी में भी प्रकृति को सम्मान देने का प्रयास किया गया।

अतिथियों ने सराहा यह हरित प्रयास

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पहुँचीं जयपुर जिला प्रमुख रमा देवी चौपड़ा, आईपीएस लोकेश सोनवाल, कांग्रेस नेता पुष्पेन्द्र भारद्वाज और जनसेवक रणजीत पंचोली ने इस पर्यावरणीय पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह परंपरा समाज को नई दिशा देने वाली है। उन्होंने अपील की कि हर वर्ग और समाज को ऐसे आयोजनों को अपनाना चाहिए ताकि पर्यावरण संरक्षण जनआंदोलन बन सके।

‘हरित विवाह’ की परिकल्पना बनी सच्चाई

बारात में शामिल हुए सभी लोग पौधे पाकर प्रसन्न नजर आए। बारातियों ने इस आयोजन को “हरित विवाह” की संज्ञा दी और कहा कि ऐसी पहल न केवल अनूठी है, बल्कि सामाजिक और नैतिक रूप से भी अत्यंत मूल्यवान है। उनका मानना था कि शादियों को दिखावे से हटाकर प्रकृति की सेवा से जोड़ा जाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है

समाज के योगदान से मिली सफलता

इस आयोजन में मदनलाल शर्मा, महेश बागड़ा, रामनिवास शर्मा, चन्द्रप्रकाश शर्मा, रामप्रसाद मेहता, जितेन्द्र बाबड़ी, मुकेश शर्मा समेत समाज के कई गणमान्य लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लेकर आयोजन को सफल बनाया।


बागड़ा ब्राह्मण समाज की यह पहल एक सामाजिक चेतना का उदाहरण है, जो विवाह जैसे पवित्र अवसर को प्रकृति और संस्कृति से जोड़ती है। यह संदेश देती है कि यदि हर समारोह में पौधे भेंट करने की परंपरा शुरू हो जाए, तो भारत को फिर से “हरित भारत” बनने से कोई नहीं रोक सकता।


 

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