Reported By: मुस्कान तिवाड़ी
Edited By: सुनील शर्मा
मार्च 05, 2025 20:51 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
प्राचीन श्याम मंदिर की 59वीं निशान पदयात्रा
जयपुर, खाटू श्याम जी के लक्खी मेले के लिए छोटीकाशी से पदयात्राओं का सिलसिला जारी है। बुधवार को एक दर्जन से अधिक पदयात्राएं खाटू के लिए रवाना हुई जिनमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। प्रदेश की सबसे पुरानी 59वीं निशान पदयात्रा रामगंज बाजार के कावंटियों का खुर्रा स्थित प्राचीन श्याम मंदिर से जयकारों के साथ रवाना हुई।
श्री श्याम सत्संग मंडल संस्था कांवटियों का खुर्रा रामगंज बाजार की यह पदयात्रा मंदिर महंत प. लोकेश मिश्रा और पंकज महाराज के सानिध्य में खाना हुई। पदयात्रा संयोजक अशोक मिश्रा और कुंज बिहारी अग्रवाल ने बताया कि गालव आश्रम पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज, पं. राजकुमार चतुर्वेदी, जयपुर नगर निगम हेरिटेज की महापौर कुसुम यादव, पूर्व नगर निगम चेयरमैन अजय यादव एवं विशिष्ट लोगों ने श्याम प्रभु के रथ का पूजन कर ध्वज वंदन किया।
लवाजमे के साथ रवाना हुई पदयात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु हाथों में निशान लेकर जयकारे लगाते, नाचते-गाते, अबीर-गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। खाटू श्याम जी मंदिर के पुजारी रहे गोकुल चंद मिश्र की प्रेरणा और आशीर्वाद से निकली ऐतिहासिक पदयात्रा में कई लोग परिवार जा रहे हैं। बड़ी चौपड़ पर पदयात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। लोगों ने अबीर-गुलाल और फूलों की पंखुडिय़ों की वर्षा की। श्याम प्रभु के फाल्गुनी भजनों पर जमकर नृत्य किया। पदयात्रा के दौरान बाबा श्याम चांदी के रथ में विराजमान रहे। भक्तों ने हाथों से रथ को खींचा। रामगंज बाजार कावंटियों का खुर्रा स्थित प्राचीन श्याम मंदिर के महंत पं. लोकेश मिश्रा ने बताया कि शुरुआत के कई सालों तक हाथों से धकेले जाने वाले ठेले को ही रथ का रूप देकर बाबा को उस पर विराजमान कर खाटू ले जाया जाता था। खाटू श्याम जी मंदिर के पुजारी रहे गोकुल चंद मिश्र ने जयपुर में श्याम प्रभु के नाम की सबसे पहले अलख जगाई थी।

सीकर रोड श्याममय
जैसे ही पदयात्रा सीकर रोड पहुंची तो अन्य पदयात्राओं के रूप में साथ चल रहे श्रद्धालुओं के कारण सीकर रोड श्याममय हो उठी। यहां सडक़ के एक किनारे केवल पदयात्री ही नजर आ रहे थे। पुलिस पदयात्रियों को सुरक्षित निकालने में मुस्तैद रही। हालांकि सीकर रोड सडक़ उधेडने, पाइप डालने से काफी क्षतिग्रस्त हो गई है, ऐसे में पदयात्रियों को परेशानी भी हुई। खासतौर पर नंगे पांच चल रहे श्रद्धालुओं को कंकड़-पत्थर से होकर गुजरना पड़ा।
हरमाड़ा में किया रात्रि विश्राम
बुधवार को पदयात्रियों ने हरमाड़ा में रात्रि विश्राम किया। रात को भजन भी गाए। चौमूं, गोविंदगढ़, रींगस होते हुए 9 मार्च को खाटू धाम पहुंचेगी। खाटू में बाबा श्याम को निशान अर्पित किए जाएंगे। वहां 10 मार्च को श्री श्याम चैरिटेबल ट्रस्ट जयपुर वालों की धर्मशाला में श्री श्याम सतरंगी फाल्गुन भजन उत्सव आयोजित किया जाएगा। बाबा श्याम का दरबार सजाकर भजन संध्या के साथ फाग महोत्सव मनाया जाएगा।