पैन कार्ड से फर्जीवाड़ा: किसान के नाम पर खोली मुंबई में कंपनी, 143 करोड़ के लेनदेन पर आयकर विभाग का नोटिस

राजस्थान


पैन कार्ड से फर्जीवाड़ा: किसान के नाम पर खोली मुंबई में कंपनी, 143 करोड़ के लेनदेन पर आयकर विभाग का नोटिस

सरवाड़ के 12वीं पास किसान को लगी बड़ी चपत, पहचान संकट में, एसपी से की न्याय की गुहार

Edited By : गौरव कोचर
अप्रैल 07, 2025
टेलीग्राफ टाइम्स

(हरिप्रसाद शर्मा, अजमेर/सरवाड़)।
सरवाड़ के एक सामान्य किसान के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने प्रशासन और आमजन दोनों को चौंका दिया है। रामराज चौधरी, जो कि एक 12वीं पास किसान हैं, के पैन कार्ड का दुरुपयोग कर मुंबई में एक फर्जी कंपनी खोली गई, और उनके नाम पर 143 करोड़ रुपये का वित्तीय लेनदेन कर दिया गया। इस पूरे घोटाले की जानकारी रामराज को आयकर विभाग से मिले नोटिस के जरिए मिली, जिसने उनके होश उड़ा दिए।

कंपनी भी बनी, बैंक खाता भी खुला – सबकुछ रामराज के नाम से!

रामराज चौधरी ने बताया कि 3 अप्रैल को आयकर विभाग से उनके नाम पर नोटिस आया, जिसमें बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में “नीतिया एक्जिम” नामक कंपनी उनके नाम पर पंजीकृत की गई है। इसके साथ ही कोटक महिंद्रा बैंक में भी उनके नाम से खाता खोला गया है, जिसकी जानकारी उन्हें कभी नहीं थी।

रामराज ने साफ कहा कि उन्होंने कभी कोई कंपनी नहीं खोली, और न ही मुंबई जैसे शहर में किसी वित्तीय लेनदेन से कोई संबंध रखा है। वह एक साधारण किसान हैं, जिनकी आजीविका खेती पर निर्भर है, और इस तरह के भारी भरकम लेनदेन की बात उनके लिए पूरी तरह से अकल्पनीय है।

न मानसिक चैन बचा, न सामाजिक प्रतिष्ठा

143 करोड़ रुपये के इस लेनदेन की जानकारी मिलने के बाद से रामराज मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं। उन्होंने बताया, “अब मेरी पहचान पर ही सवाल उठ रहे हैं, परिवार वाले और समाज भी पूछताछ कर रहा है। बिना कुछ किए मेरे नाम पर ये सब कैसे हो गया, यही सोचकर रातों की नींद उड़ गई है।”

थाने दर थाने चक्कर, कहीं नहीं सुनवाई

रामराज ने सबसे पहले स्थानीय थाना और फिर साइबर थाना में शिकायत की, लेकिन दोनों जगह से कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। आखिरकार, उन्होंने अब अजमेर की एसपी वंदिता राणा को लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।

प्रशासन से न्याय और कार्रवाई की उम्मीद

रामराज चौधरी ने मांग की है कि इस गंभीर फर्जीवाड़े की निष्पक्ष जांच हो, और दोषियों को सख्त सजा दी जाए। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस तरह के फर्जीवाड़ों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो कई निर्दोष लोग इसी तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।

पैन कार्ड दुरुपयोग की बढ़ती घटनाएं – सिस्टम पर सवाल

यह मामला देशभर में व्यक्तिगत दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर गम्भीर प्रश्न खड़े करता है। कैसे एक सामान्य व्यक्ति का पैन कार्ड लेकर कोई कंपनी खोल सकता है, खाता संचालित कर सकता है, और करोड़ों का लेनदेन कर सकता है – यह जांच का विषय है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अब समय आ गया है कि डिजिटल पहचान और दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए ठोस और मजबूत कानून लागू किए जाएं, ताकि आम आदमी का भरोसा प्रणाली पर बना रहे।


 

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