पुष्कर में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन, 108 महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा
Edited By : हरि प्रसाद शर्मा
अप्रैल 03, 2025 21 :21 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
पुष्कर/अजमेर। धार्मिक तीर्थ पुष्कर में गुरुवार को संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। प्रेम प्रकाश आश्रम में आयोजित इस कथा के दौरान श्रीमन्माध्वगौडेश्वर वैष्णवाचार्य पुण्डरीक गोस्वामी ने श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि “कथा भगवान का प्रसाद है।”
कलश यात्रा से हुआ शुभारंभ
कथा प्रारंभ से पूर्व 108 महिलाओं ने पवित्र पुष्कर सरोवर से जल भरकर वराह घाट से बैंड-बाजों के साथ शोभायात्रा निकाली, जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए कथा स्थल तक पहुँची। इस भव्य यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था।
पुष्कर को बताया मंत्र सिद्धि का स्थान
कथा वाचन के दौरान पुण्डरीक गोस्वामी ने कहा कि देश में दो ही राज हैं – एक प्रयागराज और दूसरा पुष्करराज। उन्होंने पुष्कर की महिमा बताते हुए कहा कि “मंत्र सिद्धि का स्थान पुष्कर को ही बताया गया है।” उन्होंने आगे कहा कि पुष्कर तीर्थ का विशेष स्थान है, जो अयोध्या नगरी और काशी तीर्थ के बाद आता है।
भगवान की महिमा का किया वर्णन
पुण्डरीक गोस्वामी ने श्रीमद्भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस कथा की सेवा में अठारह पुराण रहते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान त्रिगुण रूप में रहते हैं, और जानने वाले को ही उनके गुणों का बोध होता है। उन्होंने वृंदावन की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान को मथुरा से वृंदावन जाने का मार्ग यमुना जी ने ही बताया। साथ ही गुरुवार को मनाई जाने वाली छठ पूजा के दौरान यमुना जी के प्राकट्य की भी व्याख्या की।
मंदिर में घंटा बजाने के महत्व पर दिया ज्ञान
उन्होंने श्रद्धालुओं को मंदिर में घंटा बजाने के महत्व को बताते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति मंदिर जाता है, तो उसे कुछ देर घंटा के नीचे खड़ा रहना चाहिए और उसे बजाना चाहिए। इसकी नाद से पूरा वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
संपन्न हुआ मंगलाचरण और स्वागत समारोह
श्रीमद्भागवत कथा के तीन अलग-अलग मंगलाचरण होते हैं, जिनका विधिपूर्वक आयोजन किया गया। आयोजक पंडित सुरेश शर्मा के परिवार के नरेन्द्र शर्मा और वेंकटेश शर्मा ने कथा वाचक पुण्डरीक गोस्वामी का व्यासपीठ पर श्रीमद्भागवत की माला पहनाकर भव्य स्वागत किया।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं का भारी उत्साह देखने को मिला। कथा स्थल पर सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे और भक्तिभाव से कथा का श्रवण किया। पुष्कर तीर्थ में आयोजित इस संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ने समस्त श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति प्रदान की।