पुष्कर में रामनवमी पर निकली ऐतिहासिक सनातनी गौरव यात्रा, सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल
भगवा झंडों से सजा नगर, राम दरबार व झांकियों ने मोहा मन
Edited By : नरेश गुनानी
अप्रैल 06, 2025 22:51 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर — तीर्थराज पुष्कर में रामनवमी के पावन अवसर पर रविवार शाम ऐतिहासिक सनातनी गौरव यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों सनातनी श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह भव्य यात्रा अष्ट भू बैकुंठ आश्रम से गाजे-बाजे के साथ आरंभ हुई और शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई रामधाम तिराहे पर सम्पन्न हुई।
गौरव यात्रा श्रीराम जन्मोत्सव और भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। यात्रा के दौरान नगर को भगवा ध्वजों व झंडियों से भव्य रूप से सजाया गया, जिससे पूरे शहर में एक दिव्य आध्यात्मिक वातावरण व्याप्त हो गया।
विशेष आकर्षण:
यात्रा में भगवान राम दरबार, हनुमान जी और भगवान शिव की सुंदर व आकर्षक झांकियां सजाई गई थीं, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनीं। नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर यात्रा का भव्य स्वागत किया।
यात्रा का मार्ग:
यह धार्मिक यात्रा नया मंदिर, वराह घाट चौक, बद्री घाट, गऊघाट, ब्रह्म चौक, ब्रह्मा मंदिर, कपालेश्वर तिराया, मेला मैदान, अंबेडकर सर्किल, अस्पताल, मारवाड़ बस स्टैंड, बांगड़ तिराहा, हैलोज़ रोड होते हुए रामधाम तिराहे तक निकाली गई। यात्रा के समापन पर रामधुनि का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालु भावविभोर होकर प्रभु श्रीराम की भक्ति में लीन हो गए।
उल्लेखनीय उपस्थिति:
इस यात्रा में निवर्तमान सभापति कमल पाठक, पूर्व मंडल अध्यक्ष नारायण भाटी, भाजपा मंडल अध्यक्ष भुवनेश पाठक, महामंत्री अखिलेश पाराशर, अरुण वैष्णव, मुकेश कुमावत, रोहन बाकोलिया, धर्मेंद्र नागोरा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष हेमराज तेजी, पुष्कर बार एसोसिएशन अध्यक्ष कुलदीप पाराशर, पूर्व उप प्रधान मोहन सिंह रावत, सुरेंद्र परसोया, और हिंदू परिषद के नगर मंत्री शुभम पाराशर सहित कई सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
सुरक्षा व्यवस्था:
यात्रा के दौरान उपखंड अधिकारी गौरव कुमार मित्तल, तहसीलदार दिनेश कुमार यादव, सीआई विक्रम सिंह सहित पुलिस जाप्ता सतत रूप से साथ चल रहा था, जिससे यात्रा शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हुई।
यह यात्रा पुष्कर के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक नई चेतना का संचार कर गई, जिसने सनातन संस्कृति की गरिमा और गौरव को भव्य रूप से प्रस्तुत किया।