Edited By: गौरव कोचर मार्च 05, 2025 20:04 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
परकोटा के व्यापारियों को राहत दिलाने की पहल, महापौर को सौंपा ज्ञापन
जयपुर, 5 मार्च – जयपुर के परकोटा क्षेत्र में स्थित 19 व्यावसायिक परिसरों की हजारों दुकानों की सीलिंग के आदेश के खिलाफ व्यापारियों ने एकजुट होकर महापौर कुसुम यादव को ज्ञापन सौंपा। परकोटा विकास संघर्ष समिति के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में हजारों व्यापारी, कर्मचारी और महिलाएं शामिल हुए।
व्यापारियों की मांग – निजी संपत्ति पर अन्याय क्यों?
संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुनील बक्शी ने बताया कि ये सभी व्यावसायिक परिसर निजी स्वामित्व की भूमि पर निर्मित हैं, फिर भी इन्हें सील किया जा रहा है, जो अन्यायपूर्ण है। व्यापारियों ने मांग की कि सरकार इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए ठोस नीति बनाए।
विधायकों और जनप्रतिनिधियों का समर्थन
मौके पर पहुंचे किशनपोल विधानसभा से विधायक प्रत्याशी चंद्र मनोहर बटवारा ने आश्वासन दिया कि सरकार जल्द ही एक कमेटी गठित कर उचित नीति बनाएगी। वहीं, हवा महल विधायक महंत बाल मुकुंदाचार्य जी महाराज ने कहा कि जब ये व्यावसायिक परिसरों की जमीनें निजी हैं, तो व्यापारियों को बेवजह परेशान क्यों किया जा रहा है?
महापौर कुसुम यादव ने भी व्यापारियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और हाईकोर्ट को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराएगी।
व्यापार मंडलों की एकजुटता
संघर्ष समिति के संरक्षक एवं व्यापार मंडल हल्दियों के रास्ते के अध्यक्ष सुरेंद्र बज और मीडिया प्रभारी पवन कानूनगो ने बताया कि इस अवसर पर भाजपा जयपुर शहर अध्यक्ष अमित गोयल ने भी व्यापारियों का समर्थन किया और कहा कि व्यापारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ खड़ी है।

इस प्रदर्शन में जयपुर व्यापार महासंघ, जयपुर सर्राफा कमेटी, फोर्टी, जोहरी बाजार व्यापार मंडल, हल्दियों के रास्ते व्यापार मंडल समेत कई व्यापारिक संगठनों ने भाग लिया। संघर्ष समिति के महामंत्री प्रदीप गुप्ता एवं संयुक्त सचिव मनोज गोयल ने भी इस मुद्दे पर सरकार से जल्द समाधान की अपील की।
सांसद और अन्य नेताओं का समर्थन
जयपुर की सांसद मंजू शर्मा और विधायक कालीचरण सराफ ने भी व्यापारियों के आंदोलन को समर्थन देते हुए जल्द समाधान की मांग की।
व्यापारियों ने सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाए जाएं, अन्यथा उन्हें मजबूरन बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा।