टेलीग्राफ टाइम्स
नशा चाहे किसी भी प्रकार का हो—शराब, अफीम, चरस, हिरोइन या अन्य किसी भी नशीली वस्तु का सेवन—यह व्यक्ति के सर्वनाश का कारण बनता है। यह न केवल व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर करता है, बल्कि उसके परिवार, समाज और पूरे देश के भविष्य के लिए भी घातक साबित होता है। नशा व्यक्ति को शैतान बना देता है, उसकी सोचने-समझने की क्षमता को नष्ट कर देता है और धीरे-धीरे उसे मौत के मुंह में धकेल देता है।
नशे का प्रभाव: शरीर का विनाश
नशा शरीर के चार सबसे महत्वपूर्ण अंगों—फेफड़े, लीवर, किडनी और हृदय—को सबसे पहले प्रभावित करता है।
चरस मस्तिष्क को पूरी तरह से नष्ट कर देता है, जिससे सोचने-समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है।
हिरोइन शराब से भी अधिक शरीर को खोखला कर देती है और व्यक्ति को अंदर से जला देती है।
अफीम के सेवन से शरीर अत्यधिक कमजोर हो जाता है, रक्त दूषित हो जाता है और व्यक्ति अनेक बीमारियों का शिकार बन जाता है।
आजकल देश में युवाओं का नशे की ओर बढ़ता रुझान एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। जिन युवाओं को हम देश का भविष्य और शक्ति मानते हैं, वे नशे की लत में फंसकर अपने जीवन को अंधकारमय बना रहे हैं। यह ठीक उसी तरह है जैसे शिकारी अपने शिकार को जकड़ लेता है और उसे बचने का कोई मौका नहीं मिलता।
नशा मुक्त भारत: एक संकल्प
अब समय आ गया है कि हम सभी नशा मुक्ति का संकल्प लें और समाज में जागरूकता फैलाएं। हर व्यक्ति को यह समझना होगा कि नशा न केवल उनके स्वास्थ्य बल्कि उनके परिवार और समाज को भी बर्बाद कर रहा है। नशा मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा और देश को इस भयानक समस्या से मुक्त करना होगा।
नशा मुक्ति के प्रेरणादायक नारे
1. जन-जन का यही संदेश, नशा मुक्त हो अपना देश।
2. खुद को जगाओ, नशे को भगाओ।
3. हमको यही बताना है, नशे को दूर भगाना है।
4. देश को बढ़ाना है, नशे से मुक्त कराना है।
5. नशा छोड़ो, अपना घर जोड़ो।
6. नशा जानलेवा है, इसे आज ही छोड़ें।
युवा शक्ति को बचाना होगा
आज की परिस्थिति देखकर हमारे बुजुर्ग रो रहे हैं क्योंकि युवा शक्ति नशे में डूबती जा रही है। अगर हमने अभी इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए इसका गंभीर परिणाम होगा। इसलिए हमें आज ही “नशा भगाओ, देश बचाओ” का संकल्प लेना होगा और अपने परिवार, समाज और देश को इस बुरी लत से मुक्त करना होगा।
समाज की भूमिका
सभी लोगों से निवेदन है कि नशा मुक्त अभियान का हिस्सा बनें और इसे सफल बनाने में सहयोग दें। अपने विचारों को समाजहित में प्रकट करें और इस आंदोलन से जुड़कर देश को नशामुक्त बनाने में योगदान दें।
संकल्प लें:
“मैं आज यह संकल्प लेता/लेती हूं कि मैं स्वयं नशा नहीं करूंगा/करूंगी और अपने परिवार, दोस्तों और समाज को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करूंगा/करूंगी।”
नशा मुक्त भारत के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। यही राष्ट्रहित में हमारा सबसे बड़ा योगदान होगा।
आर बी चतुर्वेदी
संस्थापक
(नशा मुक्त अभियान)