ठियोग पेयजल घोटाला: विजिलेंस ने दर्ज किया केस, कई अधिकारियों व ठेकेदारों पर गिर सकती है गाज

टेलीग्राफ टाइम्स संवाददाता
4 फरवरी
शिमला:ठियोग विधानसभा क्षेत्र में सामने आए पेयजल आपूर्ति घोटाले में विजिलेंस ने अब आधिकारिक रूप से मामला दर्ज कर लिया है। सरकार की मंजूरी के बाद विजिलेंस ने यह कार्रवाई की जिससे जल शक्ति विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विजिलेंस अब इस मामले में विस्तृत जांच करेगी और जल्द ही कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है। आने वाले दिनों में इस घोटाले में कई गिरफ्तारियां भी संभव है।

गौरतलब है कि ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस घोटाले का खुलासा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि जल शक्ति विभाग ने ऐसे टैंकरों से पानी ढोने का दावा किया, जिनमें मोटरसाइकिल और कारों के नंबर दर्ज थे। यहां तक कि एक सरकारी अधिकारी की गाड़ी को भी टैंकर बताया गया था। कुछ गांवों में टैंकरों से पानी पहुंचाने का रिकॉर्ड दर्शाया गया जबकि उन गांवों तक सड़क ही नहीं जाती।

परीक्षण में हुई अनियमितताओं की पुष्टि

सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। प्रारंभिक जांच में घोटाले की पुष्टि होने के बाद विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। रिपोर्ट में पाया गया कि ठेकेदारों ने निर्धारित स्थान से पानी भरने की बजाय अन्यत्र से पानी उठाकर आपूर्ति की जिससे पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। इसके अलावा तय मापदंडों की भी अनदेखी की गई।

10 अधिकारी निलंबित, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट

इस घोटाले में जल शक्ति विभाग के 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषी ठेकेदार को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है। विजिलेंस अब मामले की तह तक जाने के लिए संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों को भी शिकंजे में लिया जा सकता है।

एक करोड़ से ज्यादा खर्च, फिर भी नहीं मिला पानी

राकेश सिंघा के आरोपों के मुताबिक, विभाग ने जिस काम को पहले 12-13 लाख रुपये में करवाया था। उसी पर इस बार 1.12 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। इसके बावजूद क्षेत्र में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाई। स्थानीय लोग

भी लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं और विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

जांच के बाद और हो सकती हैं गिरफ्तारियां

विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि मामले की आगे की जांच जारी है। संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संभव है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

सरकार का कहना है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।

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