लोकेंद्र सिंह शेखावत
टेलीग्राफ टाइम्स
4 फरवरी
जयपुर | राजस्थान में जिलों को खत्म करने के फैसले पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस और भाजपा इस मुद्दे पर आमने-सामने आ गए हैं। राजस्थान विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए इस फैसले पर चर्चा की मांग की, लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे ठुकरा दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे से बच रही है और सदन में जवाब देने से कतरा रही है।

सदन में हंगामा, स्पीकर ने रोकी चर्चा
राज्य की भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए कुछ नए जिलों और संभागों को खत्म कर दिया है। इसे लेकर विधानसभा में आज चर्चा की मांग उठी, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री ने इसे खारिज कर दिया। उनका तर्क था कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए सदन में इस पर बहस संभव नहीं है। इस पर कांग्रेस विधायकों ने विरोध जताया और हंगामा किया।
स्पीकर ने कहा, “नियमों के मुताबिक, इस मुद्दे पर आज चर्चा नहीं होगी।” हालांकि, पहले उन्होंने इस पर आधे घंटे की चर्चा कराने की बात कही थी, जिस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल किया कि जब मामला कोर्ट में है, तो आधे घंटे की चर्चा कैसे संभव हो सकती है?
“सरकार जवाब देने से भाग रही है” – कांग्रेस
टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि “सरकार अपने ही फैसले से डरी हुई है और जवाब देने की स्थिति में नहीं है।” उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष सदन को गुमराह कर रहा है और जिलों को खत्म करने के पीछे की असली वजह नहीं बता रहा।
कांग्रेस विधायकों ने यह भी चेतावनी दी कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब नहीं देती, तब तक सदन में गतिरोध जारी रहेगा। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार का फैसला पूरी तरह उचित और कानूनी है।
अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच क्या रुख अपनाया जाता है और क्या विधानसभा में इस पर कोई विस्तृत चर्चा हो पाती है या नहीं।