जल योद्धाओं के अथक प्रयासों से करौली की बंजर भूमि बनी उपजाऊ
Written By: संजय सिंह
Edited By : सुनील शर्मा
मार्च 22, 2025 16 :53 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
राजस्थान के करौली जिले के मासलपुर क्षेत्र में जल योद्धाओं और तरुण भारत संघ के प्रयासों ने इतिहास रच दिया है। जहां कभी बंजर और सूखी पड़ी जमीन थी, वहां आज हरियाली की चादर बिछी हुई है। जल संकट से जूझ रहे इस क्षेत्र में जल संरक्षण और पुनर्जीवन के अभियान ने 13 वर्षों में 8,000 हेक्टेयर बंजर भूमि को उपजाऊ बना दिया है।
जल संकट की गंभीर समस्या से मुकाबला
मासलपुर क्षेत्र के अधिकांश लोग कृषि और पशुपालन पर निर्भर थे। लेकिन जल संकट के चलते खेत सूख गए थे और पशुओं के लिए भी पानी का अभाव हो गया था। कुएं, तालाब और नहरें सूख चुकी थीं, जिससे किसान पलायन करने को मजबूर हो गए थे।
तरुण भारत संघ के मार्गदर्शन में जल योद्धाओं ने जल संकट का समाधान निकालने का संकल्प लिया। जल पुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में गांव-गांव में जल संरक्षण को लेकर बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों में जल योद्धाओं की टीम तैयार की गई, जिसमें 800 से अधिक लोग शामिल हुए।
225 जल संरचनाओं का निर्माण
जल योद्धाओं ने पिछले 13 वर्षों में 225 से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण किया। इनमें तालाब, एनीकट और नहरों का पुनर्निर्माण शामिल है। इन जल संरचनाओं से भूमिगत जलस्तर में सुधार हुआ और क्षेत्र में नदियों और जलाशयों का पुनर्जीवन हुआ।
प्रमुख जल संरचनाएँ:
- तालाब निर्माण: गांव-गांव में छोटे और बड़े तालाबों का निर्माण किया गया।
- एनीकट निर्माण: नदियों और नहरों पर एनीकट बनाए गए, ताकि पानी को रोका जा सके।
- नहर पुनर्जीवन: सूखी नहरों को गहरा और चौड़ा करके उनमें फिर से जल प्रवाह सुनिश्चित किया गया।
खेती का पुनर्जागरण
इन सफल प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि पहले जो भूमि बंजर थी, वहां अब लहलहाती फसलें उग रही हैं। किसानों ने गेहूं, ज्वार, बाजरा और दालों की फसलें लगानी शुरू कर दी हैं। कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी होने से किसानों को आर्थिक लाभ भी मिल रहा है।
किसानों की खुशी:
किसानों के चेहरे पर लौट आई मुस्कान बताती है कि जल संरक्षण के इन प्रयासों ने उनकी जिंदगी को एक नई दिशा दी है। पलायन रुक गया है, और लोग अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।
तरुण भारत संघ का अमूल्य योगदान
जल संरक्षण और पुनर्जीवन के इस अभियान में तरुण भारत संघ का योगदान अमूल्य रहा है। संगठन ने न सिर्फ आर्थिक मदद की बल्कि तकनीकी ज्ञान भी प्रदान किया। जल पुरुष राजेंद्र सिंह की दूरदर्शिता और नेतृत्व ने ग्रामीणों को प्रेरित किया और एक नई राह दिखाई।
भावी योजनाएं और उम्मीदें
अब जब क्षेत्र में हरियाली लौट आई है, तरुण भारत संघ और जल योद्धा आगे भी जल संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उनकी योजना है कि और भी बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जाए और जल स्रोतों की देखभाल को प्राथमिकता दी जाए।
करौली जिले के मासलपुर क्षेत्र में जल योद्धाओं और तरुण भारत संघ के प्रयासों से जो बदलाव आया है, वह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। यह दिखाता है कि सामूहिक प्रयास और संकल्प से बंजर भूमि को भी उपजाऊ बनाया जा सकता है। जल संरक्षण की यह कहानी न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे भारत के लिए एक उदाहरण बन चुकी है।