राजस्थान
चैत्र अष्टमी पर कन्याओं का पूजन, पुष्कर में भक्ति और सेवा का अद्भुत संगम
वारा विला में शिक्षाविद पंडित केदारदत्त शर्मा व श्रीमती हरिइच्छा पाराशर ने कन्याओं को कराया भोजन, दिए उपहार
Edited By : गणेश शर्मा
अप्रैल 05, 2025 20:17 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
रिपोर्ट: हरिप्रसाद शर्मा | पुष्कर/अजमेर
धार्मिक नगरी पुष्कर में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर श्रद्धा, सेवा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। शनिवार को मंदिरों, मठों, आश्रमों और घर-घर में कन्या पूजन और भंडारा आयोजित हुआ। नगर की गलियों में श्रद्धालुजन छोटी-छोटी कन्याओं को आमंत्रित कर उनका विधिपूर्वक पूजन करते दिखाई दिए। अष्टमी पर कन्याओं को भोजन कराने का विशेष धार्मिक महत्व होता है।
मंदिरों में उमड़ी भीड़, माताजी के दरबार में मेला जैसा माहौल
पुष्कर के प्रसिद्ध चामुंडा माता शक्ति पीठ नाला क्षेत्र में भक्तों की विशेष भीड़ देखने को मिली। यहां दर्शन के लिए सुबह से लंबी कतारें लगी रहीं। सप्तमी की रात को कलका माता मंदिर में भजन संध्या आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। अष्टमी के दिन नगर के लगभग सभी देवी मंदिरों में मेले जैसा माहौल रहा।
वारा विला में हुआ कन्या पूजन का भव्य आयोजन
माधव नगर स्थित वारा विला में शिक्षाविद पंडित केदारदत्त शर्मा व श्रीमती हरिइच्छा पाराशर द्वारा अनगिनत कन्याओं का आदरपूर्वक पूजन किया गया। पूजन से पूर्व कन्याओं के चरण धोए गए, फिर उन्हें ससम्मान आसन पर बैठाकर स्वादिष्ट भोजन कराया गया। आयोजन के पश्चात सभी कन्याओं को विविध प्रकार के उपहार भेंट किए गए, जिससे उनके चेहरे पर खुशी की चमक देखी गई।
भावना और सेवा का उदाहरण बना आयोजन
यह आयोजन केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सम्मान और स्नेह का प्रतीक भी बन गया। स्थानीय लोगों ने वारा विला के इस आयोजन की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
पुष्कर में चैत्र नवरात्र अष्टमी का यह दिन भक्ति, सेवा और श्रद्धा की त्रिवेणी के रूप में मनाया गया। घर-घर में हुए कन्या पूजन ने यह संदेश दिया कि नारी सशक्तिकरण केवल बातों में नहीं, बल्कि कर्मों में भी झलकना चाहिए।