चित्तौड़गढ़ जौहर मेला: वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि, वीरता व बलिदान की गौरवगाथा
Reported by : हरि प्रसाद शर्मा
Edited By : नरेश गुनानी
मार्च 25, 2025 20 :35 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
चित्तौड़गढ़, (हरिप्रसाद शर्मा) – वीर प्रसूता भूमि चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक दुर्ग में आयोजित जौहर मेले में मंगलवार को वीरांगनाओं की अमर गाथाओं को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर महारानी पद्मिनी, राजमाता कर्णावती, फूलकंवर मेड़तणी समेत अन्य वीरांगनाओं को नमन किया गया। कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उद्योग एवं वाणिज्य, युवा मामले एवं खेल विभाग के कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री का संबोधन: वीरांगनाओं की गाथाएं आज भी प्रेरणा देती हैं
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा—
“महारानी पद्मिनी, राजमाता कर्णावती और फूलकंवर मेड़तणी ने आत्म सम्मान और देश के सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता की गाथाएं आज भी ह्रदय में जोश भरती हैं। चित्तौड़गढ़ की भूमि केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरवशाली धरोहर है।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जौहर मेले के आयोजन के लिए बजट की कोई कमी नहीं होगी और राजस्थान सरकार प्रदेश की संस्कृति, विरासत और परंपरा को संरक्षित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

श्रीमहंत नारायण गिरि: जौहर का बलिदान विश्व में अद्वितीय
श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा—
“चित्तौड़गढ़ की भूमि वीरता व शौर्यता का प्रतीक है। महाराणा प्रताप और राणा सांगा ने आत्मसम्मान और देश की रक्षा के लिए जो संघर्ष किया, उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। वीरांगनाओं के बलिदान की तुलना विश्व में किसी अन्य घटना से नहीं की जा सकती।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश को तोड़ने की मानसिकता रखने वाले लोग कभी अपने मंसूबों में सफल नहीं होंगे और भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा।

राज्यवर्धन सिंह राठौड़: जौहर सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि बलिदान की गाथा
कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि—
“जौहर सिर्फ बोलने और सुनने में आसान लगता है, लेकिन इसे करना कितना कठिन रहा होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। वीरांगनाओं के बलिदान से हमें देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है।”
शोभायात्रा: वीरांगनाओं के बलिदान को समर्पित श्रद्धांजलि यात्रा
श्रद्धांजलि समारोह से पहले सुबह 8 बजे भूपाल राजपूत छात्रावास से विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर पहुंची। शोभायात्रा में हाथी, ऊंट, घोड़े सहित ऐतिहासिक झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं।
प्रमुख झांकियां:
- महाराणा सांगा
- महाराणा प्रताप
- भक्तिमति मीराबाई
- महारानी पद्मिनी
- हाड़ी रानी
शोभायात्रा के दौरान बलिदानी शूरमाओं के स्मारकों का पूजन भी हुआ।
उल्लेखनीय उपस्थिति: राजपरिवार और गणमान्य लोग रहे मौजूद
इस भव्य आयोजन में मेवाड़ राजपरिवार से श्रीमंत राजमाता साहिबा निरूपमा कुमारी मेवाड़, श्रीजी हजूर महाराणा साहेब विश्वराज सिंह मेवाड़, श्रीमंत महाराणी साहिबा महिमा कुमारी मेवाड़ ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
अन्य प्रमुख अतिथियों में शामिल रहे:
- राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री गौतम जी दक
- पंजाब के पूर्व राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर
- क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बैण्याकावास
- चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्य
- शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी
- पूर्व मंत्री विधायक निंबाहेड़ा श्रीचंद कृपलानी
- विधायक मीनमाल समर सिंह राठौड़
- विधायक कपासन अर्जुन लाल जीनगर
- विधायक बेगू सुरेश धाकड़
संस्थान और आयोजकों का योगदान
जौहर स्मृति संस्थान चित्तौड़गढ़ के रावत नरेंद्र सिंह विजयपुर ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। संस्थान के अन्य प्रमुख पदाधिकारियों ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई—
- शक्ति सिंह मुरलिया (उपाध्यक्ष)
- निर्मला कंवर राठौड़ (महिला उपाध्यक्ष)
- तेजपाल सिंह शक्तावत खोर (महामंत्री)
- गजराज सिंह बराडा (संयुक्त मंत्री)
- गोवर्धन सिंह भाटी (कोषाध्यक्ष)
चित्तौड़गढ़ का जौहर मेला केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि वीरता, बलिदान और स्वाभिमान की गौरवगाथा है। इस आयोजन ने न केवल वीरांगनाओं के बलिदान को श्रद्धांजलि दी, बल्कि युवाओं को देशप्रेम और आत्मसम्मान की प्रेरणा भी दी। राजस्थान सरकार और मेवाड़ राजपरिवार की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया।