गोविंद देवजी मंदिर में होली-धुलंडी पर श्रद्धालुओं के प्रवेश-निकास की व्यवस्था में किया बदलाव

Reported By: मुस्कान तिवाड़ी
Edited By: सुनील शर्मा
मार्च 06, 2025 15:15 IST
टेलीग्राफ टाइम्स

गोविंद देवजी मंदिर में होली-धुलंडी पर श्रद्धालुओं के प्रवेश-निकास की व्यवस्था में किया बदलाव

जयपुर, प्रयागराज कुंभ सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर पर्व विशेष पर श्रद्धालुओं के एक ही स्थान पर कई देर तक डटे रहने से हुए हादसों से सबक लेते हुए राजधानी में पुलिस प्रशासन ने गोविंद देवजी मंदिर में होली 13 मार्च और धुलंडी 14 मार्च के दिन श्रद्धालुओं के प्रवेश और दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया है। दर्शनार्थियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए और पुलिस उपायुक्त जयपुर उत्तर राशि डोगरा ने अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ मंदिर प्रबंधन से कई चरण में विचार-विमर्श के बाद इस व्यवस्था को अंतिम रूप दिया है। यह व्यवस्था कमोबेश श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तरह रहेगी। मंदिर में जूते एवं चप्पल खोलने की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। मंदिर में निःशुल्क जूता घर बंद रहेगा। दर्शनार्थियों से अपील की गई है कि वह अपने जूते-चप्पल खोल कर ही मंदिर में प्रवेश करें। जूते-चप्पल खोलकर आने वाले श्रद्धालु छांवण से दर्शन कर सकेंगे और जो जूते-चप्पल पहनकर आएंगे। वे छांवण के बाहर से दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में प्रवेश केवल मुख्य द्वार से होगा। जय निवास बाग से प्रवेश निषेध रहेगा। ब्रह्मपुरी और कंवर नगर से आने वाले दर्शनार्थियों का प्रवेश भी मंदिर मुख्य द्वार से होगा। मंदिर के पीछे कुएं गेट से प्रवेश निषेध रहेगा। दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं का निकास पीछे जय निवास बाग की तरफ से होगा। प्रशासन का दावा है कि बदली हुई व्यवस्था से ठाकुर जी के दर्शन सुगम होंगे। किसी भी तरह से अत्यधिक भीड़ एकत्रित होने की स्थिति नहीं बनेगी। लोग ठाकुरजी के दर्शन कर कॉलोनी अथवा घर पर धूमधाम से होली खेल सकेंगे। यह व्यवस्था 13 और 14 मार्च को मंगला से शयन झांकी तक रहेगी।

श्रद्धालु फूलों से खेलेंगे होली

सेवाधिकारी मंदिर श्री गोविंद देव जी मानस गोस्वामी ने बताया कि होली के दिन 13 मार्च को श्रद्धालु राजभोग झांकी में ठाकुर जी के साथ फूलों की होली खेलेंगे। किसी भी प्रकार के गुलाल, वाटर कलर, कलर सिलेंडर का उपयोग निषेध रहेगा। पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने अपील की है कि हृदय रोगी, डायबिटीज रोगी, ब्लड प्रेशर रोगी या जिन्हें सांस की तकलीफ है तथा अन्य किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति भीड़ से अपनी सुरक्षा को देखते हुए मंदिर में नहीं आए। वे ऑनलाइन दर्शन करें। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से कीमती सामान, बैग, थैला, लेडीज़ पर्स लेकर नहीं आएं। महिलाएं कीमती आभूषण पहन कर नहीं आए और संदिग्ध व्यक्ति एवं लावारिस वस्तु दिखने पर मंदिर प्रशासन को एवं पुलिस प्रशासन को तुरंत सूचित करें।

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