Edited By: नरेश गुनानी
मार्च 10, 2025 13:47 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
खाटू श्याम मेले में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, किशनगढ़ बास में ध्वजा पद यात्रा का आयोजन
किशनगढ़ बास
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर में फाल्गुन शुक्ल द्वादशी के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन हुआ। लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा श्याम के दर्शन कर मन्नतें मांगी। “हारे का सहारा” खाटू श्याम के जयकारों से सम्पूर्ण क्षेत्र भक्तिमय हो गया।
श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
खाटू श्याम मंदिर में हर साल फाल्गुन शुक्ल द्वादशी को विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश से आए करीब 30 लाख श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार भी लाखों की संख्या में भक्तों ने बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी लगाई। खाटू नगरी में चारों ओर श्रद्धा और आस्था का माहौल देखने को मिला।
श्रद्धालु खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए कतारबद्ध होकर मंदिर पहुंचे। बाबा श्याम का भव्य श्रृंगार और मंदिर की साज-सज्जा भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रही थी। मेले के दौरान श्रद्धालुओं ने बाबा के जयकारे लगाते हुए अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना की।
—
किशनगढ़ बास में ध्वजा पद यात्रा का आयोजन
खाटू श्याम मेले के अवसर पर अलवर जिले के किशनगढ़ बास कस्बे में भी ध्वजा पद यात्रा का भव्य आयोजन किया गया। “मैं भी सेवादारी हूँ” ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित इस यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
ध्वजा पद यात्रा में भक्तजन डीजे की धुन पर नाचते-गाते और “जय श्री श्याम” के जयकारे लगाते हुए बाबा के दरबार तक पहुंचे। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने रंग-बिरंगी ध्वजाएं हाथों में थामे हुए भक्तिमय माहौल में झूमते हुए मंदिर की ओर प्रस्थान किया।
सेवा और सहयोग का अद्भुत नज़ारा
यात्रा मार्ग में जगह-जगह सेवा शिविर लगाए गए थे, जहां श्रद्धालुओं के लिए मीठे जल, फल, शरबत और पानी की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं ने निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यों में भाग लिया। इस दौरान सुनील बतरा, नरेश मंघनानी, हिमांशु बतरा, भरत, नीरज, अक्षय, दीपक, करण, नितिन और अंश सहित कई सेवाधारी सक्रिय रहे।
—
भक्ति और सेवा का संगम
ध्वजा पद यात्रा का शुभारंभ सोमवार सुबह 5 बजे से हुआ, जब बास कृपाल नगर स्थित श्री श्याम मंदिर से पद यात्रियों का आगमन शुरू हुआ। श्रद्धालु बिहारी जी मंदिर, माता का मंदिर, गरीब नाथ मंदिर और शनि देव मंदिर होते हुए मुख्य मंदिर पहुंचे। पूरे मार्ग में भक्तिमय माहौल और भजनों की गूंज सुनाई दे रही थी।
—
प्रशासन ने संभाली कमान
खाटू श्याम मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए। मंदिर प्रबंधन कमेटी और पुलिस प्रशासन ने मिलकर मंदिर परिसर और आसपास के रास्तों को 40 फीट तक चौड़ा किया, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
इसके अलावा, जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों से निगरानी और आपातकालीन सेवाओं के लिए एम्बुलेंस तथा मेडिकल टीमें तैनात रहीं। यातायात व्यवस्था को भी दुरुस्त रखा गया, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
—
खाटू श्याम जी का इतिहास और महिमा
बाबा श्याम जी को कलियुग में भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। महाभारत काल में बर्बरीक ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना शीश दान कर दिया था। श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि वे कलियुग में “हारे का सहारा” बनकर पूजे जाएंगे। इसी मान्यता के अनुसार बाबा श्याम की भक्ति में लोग अपने कष्टों का निवारण ढूंढते हैं।
—
खाटू नगरी में उमड़ा श्रद्धा का समंदर
खाटू नगरी में आयोजित इस विशाल मेले में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने बाबा श्याम के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की कामना की। भक्तों ने बाबा श्याम के दरबार में मत्था टेककर प्रसाद चढ़ाया और भजन-कीर्तन का आनंद लिया।
श्रद्धालुओं का मानना है कि बाबा श्याम जी के दरबार में जो भी सच्चे मन से आता है और अपनी समस्याएं बताता है, उसकी हर मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यही कारण है कि बाबा श्याम को “हारे का सहारा” कहा जाता है।
—
आस्था और समर्पण का प्रतीक
खाटू श्याम मेले में भक्तों की अपार आस्था और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। किशनगढ़ बास में आयोजित ध्वजा पद यात्रा ने इस माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया।
बाबा श्याम के भक्तों का कहना है कि उनकी कृपा से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। मेले के समापन के बाद भी श्रद्धालुओं का तांता मंदिर में दर्शन के लिए बना रहा।