केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, कार्यवाही पर रोक

Telegraph Times
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के अग्रवाल समाज के मतदाताओं के ‘नाम कटवाने’ का आरोप लगाने के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक बढ़ी दी है। जस्टिस हृषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। इस मामले में केजरीवाल और आतिशी ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

आज सुनवाई के दौरान इस मामले में शिकायतकर्ता भाजपा नेता राजीव बब्बर ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर भी लगी रोक अगले आदेश तक जारी रखने का आदेश दिया।

कोर्ट ने 30 सितंबर को राजीव बब्बर को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान आतिशी और केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि बिना किसी नुकसान के आपराधिक मानहानि कानून की नजर में कोई मायने नहीं रखती। सिंघवी ने शशि थरूर के मामले का हवाला देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मामले मे चल रही निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दिया था। इस आधार पर उनके मामले पर भी कोर्ट रोक लगाने का आदेश जारी कर सकता है। सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट में शिकायतकर्ता और भाजपा नेता राजीव बब्बर की वकील सोनिया माथुर ने कहा था कि यह मामला शशि थरूर के मामले से अलग है। निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।

केजरीवाल और आतिशी ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2 सितंबर के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी किए गए समन को सही करार दिया गया था। गौरतलब है कि 28 जनवरी 2020 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल समेत चार आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से जारी समन के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया था।

भाजपा नेता राजीव बब्बर ने कोर्ट में याचिका दायर कर चारों के खिलाफ दिल्ली में मतदाता सूची से अग्रवाल मतदाताओं के ‘नाम कटवाने’ का आरोप लगाने के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। 16 जुलाई 2019 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल को जमानत दी थी। राजीव बब्बर ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर केजरीवाल ने लोगों को भाजपा के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया। दिल्ली में अग्रवाल समाज के लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के खिलाफ आपराधिक मानहानि की याचिका दायर की गई है। याचिका में केजरीवाल के अलावा आतिशी मर्लेना, मनोज कुमार और सुशील कुमार गुप्ता को भी आरोपित बनाया गया है।

अग्रवाल समाज के लोगों का वोटर लिस्ट से नाम हटाने को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप लगाए गए थे। भाजपा पर निशाना साधते हुए आम आदमी पार्टी के नेताओं और खुद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली के कुल 8 लाख बनिए वोटरों में से 4 लाख के नाम क्यों कटवाए, जवाब दीजिए। भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी जैसी ग़लत नीतियों की वजह से व्यापारियों के धंधे चौपट हो गए। इसलिए बनिए इस बार भाजपा को वोट नहीं दे रहे। तो क्या इसका मतलब आप उनके वोट कटवा दोगे? ऐसे जीतोगे?

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