किरोड़ी लाल मीणा का बदला मूड, इस्तीफा देने के बावजूद मंत्री पद पर करेंगे काम
Reported by : सत्यनारायण
Edited By : नरेश गुनानी
मार्च 31, 2025 11 :49 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
सवाईमाधोपुर। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है। कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जिन्होंने कुछ समय पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, अब अपने पद पर बने रहने का संकेत दे रहे हैं। रविवार को सवाई माधोपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार अब वे कृषि मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
“अब कृषि विभाग की छवि बदलूंगा”
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वे मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें कार्य जारी रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, “अब जब मुझे काम करने के लिए कहा गया है, तो मैं पूरी निष्ठा के साथ अपने विभाग की छवि बदलने का प्रयास करूंगा। किसानों को सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ दिलाने के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा।”
अपने क्षेत्र को देंगे बड़ी सौगात
सिर्फ कृषि क्षेत्र ही नहीं, बल्कि अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास को लेकर भी किरोड़ी लाल मीणा ने बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि वे सड़क, बिजली, पानी सहित बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई योजनाएं लाएंगे। व्यापारियों से बातचीत के दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे उनके हितों की रक्षा के लिए तत्पर रहेंगे।
ईआरसीपी योजना से सवाई माधोपुर को होगा लाभ
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को मूर्त रूप देगी। इस परियोजना के तहत सवाई माधोपुर को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, “यह योजना यहां के लोगों को पीने और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराएगी, जिससे जिले का आर्थिक और सामाजिक विकास संभव होगा।”
राजनीतिक हलकों में हलचल
किरोड़ी लाल मीणा के इस बदले रुख ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है। पहले उनके इस्तीफे की घोषणा से सियासी गलियारों में चर्चाएं गर्म थीं, लेकिन अब उनके पद पर बने रहने से नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि किरोड़ी लाल मीणा का यह फैसला आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया हो सकता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि बीजेपी में अंदरखाने कोई बड़ी रणनीति तैयार की जा रही है, जिसका असर प्रदेश की राजनीति पर पड़ सकता है।