उदयपुर में संविदाकर्मी शिक्षक ने की आत्महत्या: बेरोजगारी और शोषण पर उठे सवाल
Edited By : नरेश गुनानी
मार्च 22, 2025 11 :59 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
उदयपुर के पास राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अलसीगढ़ में संविदाकर्मी शिक्षक मोहनलाल मीणा ने आत्महत्या कर ली। उनका शव अलसीगढ़ के जंगल क्षेत्र में एक पेड़ से लटका मिला। पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए झाड़ोल सीएचसी में भेज दिया। मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें जीवन से निराशा व्यक्त की गई है, लेकिन आत्महत्या के कारण का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
बच्चों से मिलकर गए मौत के सफर पर
घटना के समय मोहनलाल मीणा ने स्कूल के हॉस्टल में पढ़ रहे अपने बच्चों से मुलाकात की थी। अंतिम बार बच्चों से मिलने के बाद ही उन्होंने यह कदम उठाया। पुलिस के अनुसार, परिजनों और परिचितों ने आर्थिक तंगी का कारण बताया है, लेकिन पुलिस ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
सांसद राजकुमार रोत ने उठाए सवाल
इस दुखद घटना पर बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि सरकार सरकारी नौकरियों को खत्म कर संविदा और प्लेसमेंट के माध्यम से युवाओं को निजीकरण में धकेल रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षित बेरोजगारों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है।
संविदाकर्मियों के हालात पर सरकार को सोचने की जरूरत
सांसद रोत ने कहा कि संविदाकर्मियों और प्लेसमेंट एजेंसियों की शोषणकारी नीतियों के चलते कई शिक्षित बेरोजगार मानसिक तनाव में जी रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस समस्या पर गंभीरता से विचार करने का आह्वान किया।
क्या संविदाकर्मियों की समस्याओं का समाधान होगा?
मोहनलाल मीणा की आत्महत्या केवल एक घटना नहीं बल्कि संविदा कर्मचारियों की पीड़ा का प्रतीक है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार और संविदाकर्मियों के लिए स्थायी समाधान की मांग अब और भी प्रबल हो गई है।
सरकार को संविदाकर्मियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उनके लिए सुरक्षित और स्थायी रोजगार नीति बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।