Telegraph Times
Avdhesh Bamal
नई दिल्ली:उत्तर रेलवे केंद्रीय अस्पताल (एनआरसीएच) ने ट्रेचर कोलिन्स सिंड्रोम (डीसीएस) से पीड़ित एक रेलवे तकनीशियन की दुर्लभ सर्जरी कर मरीज को बेहतर जीवन देने का काम किया है। मरीज के कान नहीं होने के कारण वह सुनने में असमर्थ था लेकिन अब वह नई हड्डी संचरण श्रवण प्रत्यारोपण के बाद सुन सकते हैं।
उत्तर रेलवे की एक विज्ञप्ति के मुताबिक अंबाला के एक रेलवे तकनीशियन को ट्रेचर्स कॉलिन्स सिंड्रोम नामक बीमारी थी। इस रोग के कारण उनके कान गायब थे और मध्य कान की शारीरिक रचना पूरी तरह से विकसित नहीं थी। उन्होंने 12 साल पहले पीजीआई चंडीगढ़ में हड्डी संचरण श्रवण प्रत्यारोपण करवाया था, जो काम नहीं कर रहा था।
जब वह उत्तर रेलवे केंद्रीय अस्पताल आये तो वह सुनने में असमर्थ थे और उन्हें कार्यस्थल और घर पर अपने कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही थी। इस कठिन समय में उन्होंने सारी उम्मीद खो दी थीं। शुरू में अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें परामर्श दिया और नए हड्डी संचरण श्रवण प्रत्यारोपण के साथ सर्जरी की योजना बनाई।
सर्जरी के दो सप्ताह बाद डॉक्टरों ने स्पीच प्रोसेसर लगाकर बाहरी डिवाइस को चालू किया। नए हड्डी संचरण श्रवण प्रत्यारोपण के साथ अब मरीज सुन सकता है। इस सर्जरी के साथ उक्त तकनीशियन अपने कार्यस्थल पर और साथ ही अपने निजी जीवन में एक कर्मचारी के रूप में अधिक उत्पादक होगा। मरीज ने डॉक्टरों को जीवन में एक नया मौका देने के लिए धन्यवाद दिया है।