अमेरिका द्वारा भारत में मतदान को बढ़ावा देने वाली फ़ंडिंग रोकने पर ट्रंप की प्रतिक्रिया
टेलीग्राफ टाइम्स | गणेश शर्मा
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए दी जाने वाली अमेरिकी आर्थिक मदद रोकने के फ़ैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारत के पास पर्याप्त धन है और उसे इस तरह की सहायता की आवश्यकता नहीं है।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा है। भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में से एक है। हम मुश्किल से वहां पहुंच सकते हैं क्योंकि उनके टैरिफ़ बहुत ऊंचे हैं।”
फ़ंडिंग रोकने का फैसला
हाल ही में अमेरिका के नए सरकारी विभाग “डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी” (डीओजीई) ने विभिन्न देशों को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता रोकने की घोषणा की थी। इस फैसले के तहत भारत में मतदान जागरूकता कार्यक्रमों को दी जाने वाली आर्थिक मदद भी शामिल थी। डीओजीई का नेतृत्व अरबपति व्यवसायी एलन मस्क कर रहे हैं।
भारत-अमेरिका संबंधों पर असर?
ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वे भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करते हैं और हाल ही में भारत का दौरा भी कर चुके हैं। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि अमेरिका को भारतीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया में वित्तीय योगदान क्यों देना चाहिए।
यह फ़ैसला भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर क्या असर डालेगा, यह देखने वाली बात होगी। भारत में मतदान जागरूकता अभियानों को मिलने वाली यह मदद अमेरिका की लोकतंत्र को मजबूत करने की वैश्विक रणनीति का हिस्सा थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन और डीओजीई के इस कदम से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका अपनी सहायता नीति में बड़े बदलाव कर रहा है।
अब यह देखना होगा कि भारत सरकार इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या इससे दोनों देशों के राजनीतिक और आर्थिक संबंधों पर कोई प्रभाव पड़ता है।