अमेरिका जाने का सपना, पर हकीकत में वापसी

गणेश शर्मा | टेलीग्राफ टाइम्स
अमृतसर: अमेरिका में बेहतर भविष्य की तलाश में अवैध रूप से प्रवास करने वाले भारतीयों का भारत लौटना जारी है। रविवार शाम, अमेरिका से अवैध रूप से पहुंचे प्रवासियों का तीसरा जत्था अमृतसर पहुंचा। इस जत्थे में पंजाब के फिरोजपुर जिले के नवदीप भी शामिल थे, जो अमेरिका में नया जीवन शुरू करने का सपना लेकर दो बार वहां गए लेकिन दोनों ही बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।

8 महीने में 55 लाख रुपये खर्च, लेकिन अमेरिका में टिक नहीं पाए

नवदीप के पिता, कश्मीर सिंह, जो फिरोजपुर में एक छोटी मिठाई की दुकान चलाते हैं, ने बताया कि उनके बेटे ने अमेरिका जाने के लिए पिछले आठ महीनों में दो बार कोशिश की। परिवार ने इस प्रयास में करीब 55 लाख रुपये खर्च कर दिए। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

पहली बार जब नवदीप अमेरिका पहुंचे, तो उन्हें वहां अवैध प्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों के चलते वापस भेज दिया गया। हार न मानते हुए, उन्होंने दोबारा कोशिश की, लेकिन दूसरी बार भी वे अमेरिकी अधिकारियों की पकड़ में आ गए।

बीमारी के कारण तीसरे जत्थे में लौटे भारत

दरअसल, नवदीप को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए दूसरे जत्थे में आना था, लेकिन वहां बीमार पड़ जाने के कारण उनकी वापसी तीसरे जत्थे में हुई। यह उनके लिए और उनके परिवार के लिए एक और बड़ा झटका था।

“मिठाई की दुकान पर काम करने में नवदीप को शर्म आती थी”

नवदीप के पिता ने बताया कि उनका बेटा ग्रैजुएट है और कभी-कभी दुकान के काम में उनकी मदद भी करता था। लेकिन वह मिठाई की दुकान पर काम करने में शर्मिंदगी महसूस करता था। परिवार चाहता था कि वह कोई नौकरी करे, लेकिन नवदीप का सपना सिर्फ अमेरिका जाना था।

“ड्रीम अमेरिका” और हकीकत

नवदीप अकेले नहीं हैं जो अमेरिका जाने का सपना लेकर अवैध रूप से वहां पहुंचे और फिर डिपोर्ट होकर लौटे। हाल के वर्षों में कई युवा, विशेष रूप से पंजाब से, विदेश जाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं। दलालों और एजेंटों के जाल में फंसकर ये युवा न केवल अपनी जमा पूंजी गंवा देते हैं, बल्कि कई बार अपनी जिंदगी भी खतरे में डाल लेते हैं।

परिवार की आर्थिक स्थिति पर असर

कश्मीर सिंह ने कहा, “हमने अपनी पूरी जमा पूंजी खर्च कर दी, लेकिन हमारे बेटे का सपना पूरा नहीं हो सका। अब हम आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो गए हैं।” यह स्थिति उन कई परिवारों की है जिन्होंने अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए जमीन-जायदाद तक गिरवी रख दी।

सरकार और प्रशासन की चेतावनी

सरकार और प्रशासन लगातार लोगों को अवैध प्रवास के खतरों को लेकर आगाह कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अवैध तरीकों से विदेश जाने की कोशिश में लोगों को धोखेबाज एजेंटों का शिकार नहीं बनना चाहिए।

क्या सीखा जा सकता है?

नवदीप और उनके परिवार की कहानी उन सभी के लिए एक सीख है जो विदेश में बेहतर भविष्य के सपने देखते हैं। सही और वैध तरीकों से विदेश जाना ही एक सुरक्षित और स्थायी समाधान है। अन्यथा, ‘ड्रीम अमेरिका’ का सपना, हकीकत में एक दर्दनाक अनुभव बन सकता है।

 

spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

शीतला माता मंदिर में भव्य जागरण संपन्न, आज होगी पूजा-अर्चना

शीतला माता मंदिर में भव्य जागरण संपन्न, आज होगी...