अजमेर दरगाह के खादिमों द्वारा वक्फ विधेयक का समर्थन, मुस्लिम संगठनों की कड़ी प्रतिक्रिया

अजमेर दरगाह के खादिमों द्वारा वक्फ विधेयक का समर्थन, मुस्लिम संगठनों की कड़ी प्रतिक्रिया

Reported by : हरि प्रसाद शर्मा
Edited By : नरेश गुनानी
अप्रैल 04, 2025 10 :46 IST
टेलीग्राफ टाइम्स

राजस्थान में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर मुस्लिम संगठनों में तीखी बहस छिड़ गई है। अजमेर दरगाह के खादिम और चिश्ती फाउंडेशन के संस्थापक सलमान चिश्ती तथा सैयद नसीरुद्दीन द्वारा इस विधेयक के समर्थन के बाद, कई मुस्लिम संगठनों ने उनकी कड़ी आलोचना की है। दोनों ने इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के लिए ‘प्रगतिशील’ बताया, जिससे समुदाय में असंतोष बढ़ गया।

समुदाय की तीखी प्रतिक्रिया

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की सदस्य नसीरुद्दीन यास्मीन फारूकी ने इस समर्थन को मुस्लिम हितों के खिलाफ बताया और कहा कि यह विधेयक सामूहिक संपत्तियों को छीनने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव को संस्थागत रूप देने का समर्थन करार दिया। फारूकी ने जोर देकर कहा कि यह दाग सलमान चिश्ती और सैयद नसीरुद्दीन के साथ हमेशा रहेगा।

राजस्थान मुस्लिम एलायंस के समन्वयक मोहसिन रशीद ने समुदाय से अपील की कि वे ऐसे व्यक्तियों से दूरी बनाएं, जिन्होंने मुस्लिम हितों के खिलाफ जाकर विधेयक का समर्थन किया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि मुस्लिम समुदाय सार्वजनिक रूप से काले झंडे दिखाकर विधेयक का विरोध करेगा।

AIMIM ने किया तीखा हमला

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के राजस्थान अध्यक्ष जमील खान ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन नेताओं का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया कि मुस्लिम समुदाय इस विधेयक के पक्ष में है। खान ने कहा कि सलमान चिश्ती और सैयद नसीरुद्दीन ने निजी स्वार्थ के लिए मुस्लिम हितों से समझौता किया है। उनका दावा है कि यह रुख केंद्र सरकार से बिना शर्त समर्थन पाने के बदले में अपनाया गया है।

अजमेर दरगाह के खादिमों की प्रतिक्रिया

इस विवाद के बीच अजमेर दरगाह के खादिमों और मौलवियों की प्रमुख संस्था ने भी सलमान चिश्ती और नसीरुद्दीन की आलोचना की है। उन्होंने इन दोनों को मुस्लिम हितों के खिलाफ काम करने वाले ‘नॉन-स्टेट एक्टर्स’ करार दिया है। संस्था के अनुसार, इनका रुख मुसलमानों के सामूहिक हितों के विरुद्ध है और समुदाय के लोग इनकी राय को पूरी तरह खारिज कर देंगे।

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के समर्थन और विरोध के इस विवाद ने राजस्थान में मुस्लिम समुदाय के भीतर गहरी दरार पैदा कर दी है। जहां अजमेर दरगाह के कुछ खादिम इस विधेयक को ‘प्रगतिशील’ मान रहे हैं, वहीं मुस्लिम संगठनों का मानना है कि यह सामुदायिक संपत्तियों पर खतरा पैदा करेगा। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या रुख अपनाया जाता है और क्या यह विवाद और गहराता है या फिर कोई सामूहिक सहमति बनती है।

 

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