अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा 1897 की प्रेस कॉन्फ्रेंस: क्षत्रिय समुदाय के उत्थान पर जोर
Edited By : लोकेंद्र सिंह शेखावत
मार्च 22, 2025 21 :21 IST
टेलीग्राफ टाइम्स
जयपुर।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा 1897 के समस्त पदाधिकारियों ने एक भव्य प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस जयपुर के वैशाली नगर स्थित रजवाड़ा रिसोर्ट, शिवकुंज, झोटवाड़ा में आयोजित की गई। इस अवसर पर महासभा के पदाधिकारियों ने क्षत्रिय समुदाय के उत्थान और विकास के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला।
प्रमुख बिंदु:
- समुदाय की शैक्षिक उन्नति पर विशेष जोर
- सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रयास
- छात्रवृत्ति और सहायता कार्यक्रमों का आयोजन
- क्षत्रिय समुदाय के उत्थान हेतु कार्य योजनाएँ
शैक्षिक उत्थान पर जोर:
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि महासभा का मुख्य उद्देश्य क्षत्रिय समुदाय की शैक्षिक उन्नति को बढ़ावा देना है। महासभा छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और सहायता कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे भी शिक्षा से वंचित न रहें।

सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण:
राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. हरेंद्र पाल राणा पलवल ने बताया कि महासभा क्षत्रिय समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। महासभा विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन कर रही है जो समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं।
महासभा का ऐतिहासिक महत्व:
डॉ. राणा ने बताया कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की स्थापना 1897 में की गई थी। तब से लेकर आज तक महासभा ने समुदाय के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। महासभा का उद्देश्य न केवल शैक्षिक और सांस्कृतिक उत्थान है, बल्कि सामाजिक न्याय और सामूहिक एकता को भी बढ़ावा देना है।
प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित:
इस अवसर पर महासभा के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:

- राष्ट्रीय अध्यक्ष: ठाकुर दिनेश प्रताप सिंह
- राष्ट्रीय महामंत्री: डॉ. हरेंद्र पाल राणा पलवल
- राष्ट्रीय उपाध्यक्ष: बृजेश सिंह
- कार्यकारिणी अध्यक्ष: जगेंद्र सिंह तंवर
- वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष: बद्री सिंह राजावत
- भूपेंद्र सिंह भूदोली
संघर्ष और संकल्प:
पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि महासभा का लक्ष्य क्षत्रिय समाज को एकजुट करना और उन्हें शैक्षिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने यह भी बताया कि महासभा समाज में समानता और अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर कार्यरत है।
आगे की रणनीति:
महासभा ने आगामी समय में और अधिक शैक्षिक शिविर, रोजगार मेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने का संकल्प लिया। साथ ही, उन्होंने समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील भी की।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा 1897 का यह प्रयास समाज में शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। महासभा के इन प्रयासों से क्षत्रिय समुदाय को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी।